बिहार में गिरा नेताओं के बयानों का स्तर, महिषासुर वध, राजनीतिक श्राद्ध और श्मशान जैसे शब्दों का प्रयोग

आशुतोष कुमार पांडेय @ पटना पटना : बिहार का सबसे बड़ा सियासी परिवार इन दिनों सूबे की राजनीति के केंद्र में है. सृजन के दुर्जन नाम से भागलपुर में रैली आयोजित करने वाले परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादवसहित उनके द्वय पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बेनामी संपत्ति के आरोपों का दंश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2017 12:19 PM

आशुतोष कुमार पांडेय @ पटना

पटना : बिहार का सबसे बड़ा सियासी परिवार इन दिनों सूबे की राजनीति के केंद्र में है. सृजन के दुर्जन नाम से भागलपुर में रैली आयोजित करने वाले परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादवसहित उनके द्वय पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बेनामी संपत्ति के आरोपों का दंश झेल रहे हैं. स्थिति यह है कि सीबीआइ के अलावा अन्य कई एजेंसियों की रडार पर पहुंचा यह परिवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहा है. रैली में तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक मर्यादा को ताक पर रखकर अपने संबोधन में कहा कि सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोटो देखकर लगता है, जैसे वह गर्भवती महिला हों. तेज प्रताप ने सुशील मोदी के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की. लालू अपने बेटों से एक कदम और आगे बढ़ गये और कह डाला कि सृजन घोटाले में शामिल जितने भी नेता हैं, उनमें से अधिकतर की गर्लफ्रेंड हैं. रैली में तेज प्रताप यादव ने जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार पर जमकर हमला बोला. नीरज कुमार की तुलना महिषासुर से करते हुए कहा कि नवरात्र का समय आने वाला है और नीरज कुमार का भी वध होगा.

बयानों के चल रहे हैं तीर

मीडिया में चल रही चर्चाओं को देखें, तो महागठबंधन टूटने के बाद से लालू परिवार की ओर से दिये जाने वाले बयान काफी कठोर और विवादास्पद होते जा रहे हैं. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना हैं कि लालू यादव जिस तरह नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं, वह यही साबित करता है कि उनके पास राजनीतिक मुद्दा अब बचा नहीं हैं और चरित्र हनन पर उतर आये हैं. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस स्तर तक लालू यादव ही गिर सकते हैं. रैली में तेज प्रताप यादव ने जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक जदयू प्रवक्ता है. चिट्ठी लिखता है. चिट्ठी में उसने मेरी मां के बारे में भी लिखा है. महिषासुर का वध मां ने किया था, तो नीरज कुमार का भी वध मेरी मां करेगी. मैं मां का शेर हूं, कस के झपट्टा मारूंगा. उधर, तेज प्रताप यादव और लालू के बयानों के बाद जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने करारा जवाब देते हुए कहा कि पूरा परिवार जेलोपैथी से ग्रस्त है. नीरज ने कहा कि पूरा परिवार जेल यात्रा के लिए बेताब है. अपने को महिषासुर बताये जानेसेभड़के नीरज कुमार ने कहा कि निजी टिप्पणी करने वाले समझ लें कि मेरा घर मोकामा है.

नीरज ने किया हमला

नीरज ने कहा कि लालू प्रसाद के पुत्र गांधी मैदान में शंख बजा रहे थे. शंख बजाकर तालियां बटोर ली और जब इन्कम टैक्स ने बुलाया तो हांफने लगे. पूछताछ के लिए बुलाया गया तो कलेजा फूलने लगा और अब भागलपुर में व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं. नीरज ने कहा कि लालू परिवार को हम सलाह देते हैं, भाषायी मर्यादा का पालन करें, नहीं तो राजनीति के श्मशान तक पीछा करेंगे, दागी और सजायाफ्ता का बेटा प्रवचन देना बंद करे. व्यक्तिगत टिप्पणी करने से पहले लालू पुत्र समझ लें कि मेरा घर मोकामा है और मोकामा, बड़हिया बड़ा संवेदनशील इलाका है. नीरज ने कहा कि होशियारी से रहियेगा, पूर्व का इतिहास मालूम है न. हमको कोई छेड़ता है तो राजनीति के श्मशान तक उसका पीछा करते हैं. नीरज कुमार ने कहा कि अब तक तो लालू परिवार को नीतीश फोबिया का रोग था, लेकिन अब नीरज फोबिया के रोग ने भी पूरे परिवार को जकड़ लिया है.

मानसिक तनाव का शिकार है लालू परिवार

एक हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति बनाने वाले व्यक्ति का परिवार नैतिक शिष्टाचार की बात कर रहा है. नीतीश कुमार को राजनीतिक भ्रष्टाचारी बताने से साफ़ तौर पर झलकता है पूरा लालू परिवार मानसिक तनाव में है. लालू परिवार मानसिक हताशा में है और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी पर आरोप लगाने से पहले लालूजी को अपना दाग देख लेना चाहिए. नीरज ने कहा कि रात के अँधेरे में घूम-घूम कर देख रहे थे कि विधायक- सांसदों से जो जमीन-मकान पद देने के एवज में लिए हैं उसका भौतिक सत्यापन हुआ है कि नहीं, दाखिल-ख़ारिज हुआ है कि नहीं, कागजात उसका दुरुस्त हुआ है कि नहीं.

यह कैसी राजनीति

कहते हैं कि राजनीति जब अधोगति को मुड़ती है तो इसकी गति तेज से तेज तर होती चली जाती है. बात 21 वीं सदी के सियासी माहौल की करें तो कम से कम अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह इन दो प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में बयानों की मर्यादा और विपक्ष को सम्मान देने की परंपरा कायम रही. कोई नेता और कोई पार्टी ऐसे बयानों से बचती रहीं, जिससे किसी की गरिमा पर चोट पहुंचे. केंद्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अरविंद केजरीवाल ने मनोरोगी तक बताया. इतना ही नहीं, इससे पूर्व डॉ. मनमोहन सिंह को विपक्ष द्वारा कमजोर, कायर, नपुंसक आदि न जाने क्या-क्या बताया गया. इन दिनों बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा ही चल रहा है. विवादास्पद बयानों की झड़ी लग गयी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा भाषायी मर्यादा का ख्याल रखा है. सोमवार को उन्होंने लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरे खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है, मैं सुनकर स्तब्ध हूं. फिलहाल, बयानों का स्तर बता रहा है कि बिहार की राजनीति किस दिशा की ओर बढ़ रही है.

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