पटना : लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराये जाने की संभावना को बिहार में भी बल मिलतादिख रहा है. बिहार में सत्तारुढ़ जदयू ने इस मामले पर आज अपनी राय जाहिर की हैं. बिहार जदयू के प्रदेशअध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह नेएकस्थानीयन्यूज चैनलसे बातचीत में कहा कि 2019में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाने को लेकर अगरराजनीतिकदलों के बीच आम सहमति बनतीहै तो पार्टी इसके पक्ष में हैं.
जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा जोरपकड़नेलगी है कि जदयू बिहार में मध्यावधि चुनाव के लिए कहीं न कहीं सहमत दिख रही है. गौर हाे कि महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ दोबारा से मिलकर बिहार मेंनयी सरकार के गठन का फैसला बीते दिनों लिया था. जिसके बाद बिहार में अभी जदयू और भाजपा की सरकार है. ऐसे में जदयू नेता के इस संबंध में दिये गये बयान पर सियासी बयानबाजी तेज होने की संभावना जतायी जा रही है.
बता दें कि इससे पहले इस मुद्दे पर पीएमनरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपनी राय जाहिर कर चुके हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जानेको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2016 को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि विकास के पहिये में गति बरकरार रहे इसके लिए जरूरी है कि चुनावी प्रक्रिया एक साथ ही पूरी की जाए. ऐसा करने से आम लोगों के लिए सरकारों के पास पर्याप्त समय होगा.
इससे पहले अप्रैल 2016 में दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायधीशों के सम्मेलन में भी पीएम ने एक साथ चुनाव कराने का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि ज्यादातर दल उनसे कह रहे हैं कि चुनावों की वजह से बहुत वक्त बर्बाद होता है और चीजें रुक जाती हैं. आचार संहिता की वजह से 40-50 दिन तक फैसले लंबित रहते हैं. सार्वजनिक मंच पर प्रधानमंत्री ने पहली बार इस मुद्दे को उठाया और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से उन्हें समर्थन मिला था.
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