बिहार : मंत्री पशुपति पारस के विधान परिषद में मनोनयन के विरुद्ध हाइकोर्ट में जनहित याचिका
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस कीमुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. राज्यपाल कोटे से विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनयन को चुनौती देते हुए पटना हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. यह जनहित याचिका अधिवक्ता मणीभूषण प्रताप सेंगर द्वारा दायर किया […]
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस कीमुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. राज्यपाल कोटे से विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनयन को चुनौती देते हुए पटना हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. यह जनहित याचिका अधिवक्ता मणीभूषण प्रताप सेंगर द्वारा दायर किया गया है. दायर याचिका में कहा गया है कि मंत्री श्री पारस का राज्यपाल कोटे से मनोनयन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 171 एवं अन्य प्रावधानों का खुला उल्लंघन है. याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रावधानों के अनुसार महामहिम राज्यपाल द्वारा विधान परिषद में समाज के ऐसे लोगों का मनोनयन किया जायेगा जो किसी खास विषय/क्षेत्र में उनका विशेष योगदान हो.
याचिका में यह कहा गया है कि मनोनयन सिर्फ वैसे लोगों का किया जायेगा जिनका साहित्य,कला, विज्ञान, सहकारी आंदोलन तथा समाज सेवा में विशेष योगदान हो. परंतु पशुपति कुमार पारस का समाज के उक्त वर्ग या क्षेत्र में ऐसा कोई उल्लेखनीय योगदान नहीं है, जिसके तहत उनका मनोनयन राज्यपाल कोटे से किया जा सके. याचिका में यह भी बताया गया है कि पशुपति कुमार पारस भारतीय संविधान की धारा 171 के खंड 3 के उपखंड (ई) और खंड (5) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करते हैं. साथ ही साथ इनका मनोनयन भारतीय संविधान से प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग है. याचिका के माध्यम से अदालत से मांग की गयी है कि मंत्री श्री पारस का मनोनयन तय प्रावधानों के अनुरुप नहीं है इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित करने का निर्देश संबंधित प्रतिवादियों को दिया जाये.
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