पटना : जदयू को लेकर बिहार में असली-नकली और कब्जे की लड़ाई के बीच पार्टी के दो बागी नेताओं शरद यादव और अली अनवर को राज्यसभा सचिवालय की ओर से नोटिस भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक नोटिस में यह पूछा गया है कि क्यों ना आपकी सदस्यता को रद्द कर दिया जाये ? इससे पूर्व शरद यादव को जदयू की ओर से एक पत्र जारी कर लालू की पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया था. इतना ही नहीं, नीतीश कुमार के करीबी और पार्टी के संसदीय दल के नेता आर सी पी सिंह और महासचिव संजय झा ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को शरद यादव की सदस्यता को लेकर एक पत्र सौंपा था.
लालू की रैली के समय जदयू की ओर से भेजे गये पत्र में शरद यादव से कहा गया था कि यदि सूचना देने के बाद भी आप रैली में शामिल होते हैं, तो इसे उनका पार्टी को स्वेच्छा से छोड़ना माना जायेगा. पार्टी नेता संजय झा की मानें, तो यह स्पष्ट तौर पर लालू यादव के कुनबे की रैली थी और शरद यादव ने इसमें हिस्सा लेकर पार्टी के सिद्धांतों का उल्लंघन किया. शरद यादव ने पार्टी की ओर से मना करने के बाद भी रैली में जाकर भाषण दिया और यह बेहद निराशाजनक था. महागठबंधन टूटने के बाद शरद यादव और अली अनवर नीतीश कुमार से और पार्टी से नाराज चल रहे हैं. शरद यादव ने आयोग से मिलकर जदयू के चुनाव चिह्न पर अपना दावा भी पेश किया था.
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