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बिहार के 477 गांवों में अब भी नहीं पहुंची बिजली

पटना : बिहार में अब 477 गांवों में ही बिजली पहुंचाया जाना शेष बचा है. हर घर को बिजली निश्चय योजना के तहत आगामी दिसंबर के अंत तक जोड़ दिया जायेगा. मुख्यमंत्री सह अध्यक्ष शासी निकाय बिहार विकास मिशन नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शासी निकाय की चतुर्थ बैठक के दौरान सात निश्चय की योजनाओं […]

पटना : बिहार में अब 477 गांवों में ही बिजली पहुंचाया जाना शेष बचा है. हर घर को बिजली निश्चय योजना के तहत आगामी दिसंबर के अंत तक जोड़ दिया जायेगा. मुख्यमंत्री सह अध्यक्ष शासी निकाय बिहार विकास मिशन नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शासी निकाय की चतुर्थ बैठक के दौरान सात निश्चय की योजनाओं की प्रगति के साथ-साथ बिहार विकास मिशन के अन्य उपमिशन के कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गयी. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा विकसित बिहार के सात निश्चय योजनाओं से संबंधित अद्यतन प्रगति की समीक्षा के क्रम में हर घर बिजली योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि कुल गांव 39,073 में से 38,596 गांवों को इस योजना में आच्छादित किया जा चुका है. अब शेष बचे 477 गांवों को आच्छादित करने हेतु माहवार कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है. दिसंबर 2017 के अंत तक सभी गांवों को आच्छादित कर दिया जायेगा.

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक के दौरान हर घर नल, घर तक पक्की गली-नाली योजना की बिंदुवार समीक्षा की गयी. शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि अब तक 16,726 ग्रामीण वार्ड, 478 पंचायत, 25 प्रखंड एवं एक अनुमंडल को शौचालय मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है. समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बाढ़ के कारण नष्ट हुए शौचालयों के संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग समुचित कार्रवाई करेगी.

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि महाविद्यालयों में कितने छात्र आते हैं, इसका भी ध्यान रखा जाये. अगर विद्यार्थियों की उपस्थिति कम है, तो इसका क्या कारण है, इसका अध्ययन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में बिहार का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो मात्र 13.9 प्रतिशत है. हम इसको 30 प्रतिशत से ऊपर ले जाना चाहते हैं.

नीतीश कुमार ने कहा कि विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति के संदर्भ में मेहनत किया गया, तो छात्रों की उपस्थिति बढ़ गयी. कुशल युवा कार्यक्रम की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि डीआरसीसी पर कुल 2,49,928 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें 2,48,181 आवेदन स्वीकृत किये गये. अब तक योजना के अंतर्गत 1,170 केंद्र कार्यरत हैं, जहां पर युवाओं को संवाद कौशल, व्यवहार कौशल तथा कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

मानव विकास उपमिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में निर्णय हुआ कि बच्चों में स्टंटेड ग्रोथ, बाल विवाह तथा दहेज प्रथा के विरुद्ध सशक्त अभियान चलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की इसमें सक्रिय सहभागिता होगी. उन्होंने कहा कि स्टंटिंग बाल विवाह का प्रतिफल है. दो अक्टूबर से बाल विवाह तथा दहेज प्रथा के विरुद्ध सशक्त अभियान चलेगा, इसमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग तीनों का सक्रिय सहभागिता जरूरी होगी.

बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव सह सदस्य सचिव बिहार विकास मिशन ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मिशन निदेशक बिहार विकास मिशन सह मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा के साथ अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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