पटना :बिहार में पहली बार आयोजित ‘हैकथान-2017’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राज्य के युवा समस्या पैदा करनेवाले नहीं, बल्कि समस्याओं के समाधान करनेवाले बनें. बहुत सारे नौजवान बड़ी-बड़ी कंपनियों की नौकरियां छोड़ कर स्टार्टअप से जुड़ रहे हैं. हैकथान के अंतर्गत अलग-अलग विभागों की समस्याओं को एकत्र कर उसके समाधान के लिए आईटी विशेषज्ञों के बीच चुनौतियां रखी गयी हैं. दरअसल यह स्टार्टअप का पहला कदम है.
बुधवार को बीआईटी, मेसरा के पटना कैंपस में आयोजित दो दिवसीय आईटी कनक्लेव ‘हैकथान-2017’ का उदघाटन किया गया. इस समारोह को आईटी विभाग के सचिव राहुल सिंह और बीआईटी, पटना के निदेशक वीके सिंह ने भी संबोधित किया.
युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे नये विचारों और कल्पनाशीलता के साथ आएं और आईटी के माध्यम से बिहार की समस्याओं का समाधान करें. स्टार्टअप के लिए राज्य सरकार युवाओं को दो लाख रुपये तक पूंजीगत सहायता उपलब्ध करायेगी. इसके अलावा भारत सरकार या अन्य एजेंसियों से प्राप्त अनुदान के बराबर उन्हीं शर्त्तों के आधार पर राज्य सरकार भी सहायता प्रदान करेगी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रत्येक साल ‘हैकथान’ का आयोजन किया जायेगा.
आनेवाले दिनों में आईटी के क्षेत्र में बिहार भी देश के किसी राज्य से पीछे नहीं रहेगा. आईटी प्रक्षेत्र को इस तरह से विकसित किया जायेगा कि यहां के युवकों को कहीं बाहर जाने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा. युवा आईटी के जरिये बिहार की बाढ़ की समस्या के समाधान से लेकर कृषि उत्पादकता बढ़ाने और विभिन्न सेवा प्रक्षेत्रों की डिलिवरी सिस्टम को बेहतर बनाने में सहयोग करें. आईटी के माध्यम से ही राज्य के विकास को गति दी जा सकती है.