CBSE सख्त: अप्रिय घटनाओं पर स्कूल जिम्मेदार, जायेगी मान्यता, BIHAR में DM लेंगे आज स्कूलों की क्लास
सख्ती. बच्चों की सुरक्षा को लेकर सीबीएसई के तेवर तल्ख, नियमों का पालन करने का दिया निर्देश पटना : स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने के बाद सीबीएसई ने स्कूलों के प्रति कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. सभी क्षेत्रीय कार्यालयों समेत स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए बोर्ड […]
सख्ती. बच्चों की सुरक्षा को लेकर सीबीएसई के तेवर तल्ख, नियमों का पालन करने का दिया निर्देश
पटना : स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने के बाद सीबीएसई ने स्कूलों के प्रति कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. सभी क्षेत्रीय कार्यालयों समेत स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए बोर्ड ने सुरक्षा मानकों का पूर्णत: पालन करने का निर्देश दिया है.
बोर्ड ने कहा है कि स्कूल परिसर में किसी बच्चे के साथ अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए स्कूल प्रंबधन जिम्मेदार होगा. ऐसे में स्कूल की संबद्धता रद्द हो सकती है. बोर्ड ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा 19 अक्तूबर, 2014 को जारी दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने स्कूलों को कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन कराने तथा सुरक्षा से संबंधित सुझावों का पालन करने का निर्देश दिया है. दो महीने के अंदर बोर्ड की वेबसाइट www.cbse.nic.in पर अनुपालन संबंधी सूचना व स्कूल के कर्मचारियों का डाटाबेस सौंपने को कहा है.
तुरंत करें कार्रवाई
बोर्ड ने बच्चों की सुरक्षा के मामले में स्कूलों को गंभीरता बरतने और किसी तरह की घटना की स्थिति में तुरंत दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. स्कूलों को अपने शिक्षक व कर्मचारियों के बीच सुरक्षा व छात्र हित की दिशा में बेहतर समझ विकसित करने की बात कही गयी है.
बार-बार सर्कुलर, फिर भी अमल नहीं
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सीबीएसई स्कूलों को वर्ष 2004 से अब तक कई बार सर्कुलर जारी कर चुका है. लेकिन अब भी उस पर सही तरीके से अमल नहीं किया जा रहा है. नोटिस में सारे सर्कुलर का हवाला दिया गया है.
छात्रों की सुरक्षा के लिए बोर्ड का निर्देश
स्कूल परिसर में हर जगह सीसीटीवी कैमरे, जो 24 घंटे चालू रहें
वाहन चालक, कंडक्टर समेत सभी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन व साइकोमेट्रिक मूल्यांकन
सहायक स्टाफ अधिकृत एजेंसी के माध्यम से ही कार्यरत हों और उनका डाटाबेस स्कूल में जमा है, यह सुनिश्चित करें
सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए माता-शिक्षक-छात्र समिति का गठन करें
स्कूल भवन तक बाहरी लोगों के आने पर नियंत्रण, आगंतुकों की कड़ी निगरानी
दुर्व्यवहार की घटना पर अंकुश लगाने या बचाव के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दें
यौन उत्पीड़न से बच्चों की सुरक्षा व स्टाफ, माता-पिता, छात्र की शिकायतों के निबटारे के लिए कमेटियों का गठन करे
डीएम लेंगे आज स्कूलों की क्लास
जिला प्रशासन ने 14 सितंबर को एक बैठक बुलायी है, जिसमें सीबीएसई व आईसीएसई के रीजनल ऑफिसर समेत सभी प्राइवेट स्कूलों के प्रमुख शामिल होंगे. इसमें निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का बेहतर वातावरण तैयार करने, अभिभावक व स्कूल प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने तथा स्कूलों के शैक्षणिक माहौल में सुधार आदि मुद्दों पर गहन समीक्षा की जायेगी.
सुरक्षा पर स्कूलों से जवाब तलब
अभिभावकों की चिंता व सुप्रीम कोर्ट के रुख को देखते हुए द काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने संबद्ध स्कूलों को सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन करने का निर्देश दिया है. साथ ही स्कूलों को 16 सितंबर तक उनके द्वारा किये गये सुरक्षा के उपाय व संबंधित जानकारी काउंसिल की वेबसाइट council@cisce.org पर उपलब्ध कराने को कहा है.
75 स्कूलों को मान्यता
पटना. राज्य में चल रहे 75 प्राइवेट स्कूलों को सीबीएसई की मान्यता के लिए राज्य सरकार ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है. बुधवार को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पर फैसला हुआ.
स्कूलों पर नियंत्रण का पुलिस को अधिकार नहीं
पटना : राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने या सुरक्षा से जुड़े मानकों का पालन करने का कोई अधिकार पुलिस के पास नहीं है. इसका मुख्य कारण है, इससे संबंधित इस तरह का कोई नियम-कायदा या रेगुलेशन नहीं है.
इस तरह का कोई नियम मौजूद नहीं होने के वजह से ही राज्य के किसी निजी स्कूल पर पुलिस-प्रशासन कोई कार्रवाई तक नहीं कर सकती है और न ही किसी बात को लेकर कोई दबाव ही बना सकती है. चाहे वह सुरक्षा से जुड़े किसी भी मानक का पालन कर रहे हो या नहीं. पुलिस सिर्फ निजी स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर सकती है, जो पुलिस के स्तर से कई बार जारी की जा चुकी है. इसके अंतर्गत सभी निजी स्कूलों को अपने यहां कार्यरत सभी कर्मचारी, ड्रायवर, खलासी, चपरासी, माली समेत अन्य सभी स्टॉफ की नाम-पता समेत पूरी डिटेल जानकारी संबंधित स्थानीय थाना में जमा कराना है. परंतु किसी भी निजी स्कूल ने इस एडवाइजरी का पालन आज तक नहीं किया है.
किसी तरह का रेगुलेशन या कानून नहीं होने के कारण निजी स्कूलों को पुलिस किसी बात के लिए बाध्य नहीं कर सकती है. सिर्फ उनसे सिर्फ सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए अपील कर सकती है. अगर वे इसका पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता है.
सिर्फ किसी तरह के आपराधिक मामलों के होने पर ही पुलिस कार्रवाई कर सकती है. ऐसी स्थिति में किसी एसपी को निजी स्कूलों में सुरक्षा से जुड़े ऑडिट को कराने का निर्देश देने का कोई औचित्य ही नहीं है.
एस के सिंघल (एडीजी, मुख्यालय)