पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हाल में भागलपुर में राजद की ओर से आयोजित सृजन के दुर्जन नाम से रैली में लालू यादव और तेजस्वी यादव द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मित्र उदय कांत मिश्रा को लेकर की गयी टिप्पणी कानूनी रूप से भारी पड़ने वाली है. जानकारी के मुताबिक तेजस्वी और लालू के टिप्पणी पर एतराज जताते हुए आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य उदय कांत मिश्रा ने लालू यादव और तेजस्वी को कानूनी नोटिस भेजा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उदय कांत मिश्रा की ओर से जारी नोटिस में यह कहा गया है कि लालू यादव और तेजस्वी ने कैसे उदय कांत मिश्रा के संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. नोटिस में लिखा गया है कि क्या उदय कांत मिश्रा कोई सजायाफ्ता मुजरिम हैं या अपराधी हैं जिनके घर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं जा सकते ?
ज्ञात हो कि उदय कांत मिश्रा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कॉलेज के दिनों के दोस्त हैं और उनकी दोस्ती काफी पुरानी है, नीतीश कुमार जब भी भागलपुर दौरे पर होते हैं, वह अपने मित्र की मां का आशीर्वाद लेने जरूर जाते हैं. कानूनी नोटिस में अधिवक्ता की ओर से कहा गया है कि मुवक्किल उदय मिश्रा एक शिक्षाविद् हैं और समाज के सभी सम्मानित तबकों में उनका आना-जाना और उठना-बैठना है. इस टिप्पणी से उन्हें काफी मानसिक आघात पहुंचा है. नोटिस में अधिवक्ता ने लिखा है कि सृजन घोटाले में मेरे मुवक्किल का नाम लेकर बहुत ही अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. कोई सबूत हो तो सीबीआई के सामने पेश करें, वरना इस तरह से किसी के सम्मान को ठेस न पहुंचाएं.
भागलपुर में हुए सृजन के दुर्जन मामले को लेकर आयोजित रैली में तेजस्वी यादव और लालू यादव के अलावा तेज प्रताप ने भी नीतीश कुमार को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. रैली के बाद लालू यादव ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन कर यह कहा था कि नीतीश कुमार को अभी टेबलेट मिला है, तो रिएक्शन हो रहा है, अभी और भी बहुत कुछ मिलेगा.
यह भी पढ़ें-
तेजस्वी आप दागी हैं, राजनीति में आपके ऊपर घिनौने किस्म के आरोप हैं : नीरज