पटना :उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को कहा है कि उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार अभी पीछे है. इसके विकास के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है. आनेवाले दो साल में देश के किसी भी राज्य से बिहार पीछे नहीं रहेगा. प्रदेश के सभी सरकारी विभागों और प्रत्येक जिले में साइबर सिक्युरिटी अफसरों की नियुक्ति की जायेगी. इसका मकसद तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकना है. उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र का विकास और उपयोगिता तो बढ़ रही है. लेकिन, साइबर अपराधियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. इसलिए उनसे सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किये बिना आईटी उद्योग का लाभ नहीं लिया जा सकता. वे आईटी निवेशकों के सम्मेलन के दौरान यह बोल रहे थे.
डिप्टी सीएम ने कहा कि हर विभाग में आईटी पर खर्च के लिए बजट में से दो से तीन फीसदी राशि की व्यवस्था की जानी चाहिए. इसमें से 10 फीसदी राशि साइबर सिक्युरिटी पर खर्च होना चाहिए. इस समय प्रदेश के 309 सरकारी कॉलेजों में फ्री वाई-फाई की सुविधा दी गयी है. इस पर 245 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इसके साथ प्रदेश के हर गांव तक इसकी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाये जा रहे हैं. इसका काम तेजी से चल रहा है.
बिहार में तीन करोड़ से अधिक हैं मोबाइल उपभोक्ता
उन्होंने कहा कि वे साल 1986 से बिहार में आईटी का विकास देख रहे हैं. इस समय बिहार में तीन करोड़ से ज्यादा मोबाइल उपभोक्ता हैं. स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान यहां से कोई भी शामिल नहीं हुआ, क्योंकि लोगों को आईटी क्षेत्र की उपयोगिता का अंदाजा नहीं था. इस क्षेत्र का महत्व समझने के बाद यहां के लोग भी पैसा लगाना चाहते हैं.
आईटी के महत्व पर की चर्चा
आईटी के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कुशल शिक्षकों की कमी है. इसलिए ई-लर्निंग और वर्चुअल क्लास के माध्यम से इस कमी को दूर किया जा सकता है. इसके तहत एक कुशल शिक्षक की क्लास को इंटरनेट के माध्यम से कई स्कूलों में दिखाया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल सरकार की सेवाओं जैसे- मिड डे मील, समाज कल्याण योजनाओं सहित बेकारी, मनरेगा और गरीबी दूर करने की योजनाओं में हो रहा है. इस समय तीन दर्जन से अधिक सेवाओं में इसका उपयोग किया जा रहा है. यह बिचौलिये की भूमिका को खत्म कर भ्रष्टाचार को रोकने का कारगर उपाय है.
आईटी के विकास का हो रहा प्रयास
डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में आईटी के विकास का प्रयास हो रहा है. इसके लिए पटना में आईटी टावर और बिहटा में आईटी पार्क बनाने की योजना है. ट्रिपल आईटी का निर्माण हो चुका है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि एसटीपीआई में एक लाख वर्ग फीट में आईटी पार्क बनाने की अनुमति दें, तो अच्छा रहेगा. वहां अभी बहुत जगह है. इसके साथ ही कहा कि दरभंगा, भागलपुर, बक्सर और मुजफ्फरपुर में आईटी के कई प्रस्तावों को कार्यरूप दिया जायेगा.