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शराबबंदी: पूर्ण शराबबंदी से रोशन हुई महिलाओं की जिदंगी

पटना: पूर्ण शराबबंदी पटना के आर ब्लॉक नौ नंबर में बसे टोले की उन महिलाओं के जीवन में रोशनी बन कर आयी है, जिनके पति पहले शराब पिया करते थे. शराबबंदी के 17 महीनों में उनकी पूरी जिंदगी बदल गयी है. साथ में बदला है घर-परिवार का पूरा माहौल. इसका अंदाजा इन महिलाओं की कहानी […]

पटना: पूर्ण शराबबंदी पटना के आर ब्लॉक नौ नंबर में बसे टोले की उन महिलाओं के जीवन में रोशनी बन कर आयी है, जिनके पति पहले शराब पिया करते थे. शराबबंदी के 17 महीनों में उनकी पूरी जिंदगी बदल गयी है. साथ में बदला है घर-परिवार का पूरा माहौल. इसका अंदाजा इन महिलाओं की कहानी इन्हीं के जुबानी से लगाया जा सकता है. आंशिक शराबबंदी लागू होने के बाद इन महिलाओं ने आंदोलन किया अौर पूर्ण शराबबंदी को लागू कराया. वहीं, 46 वर्षीया सुनीता देवी के चेहरे पर अब चिंता की लकीरें नहीं हैं.

अब उनके पति न शराब पीते हैं और न उन्हें मारते-पीटते हैं. दो पैसे घर में होते हैं. दो वक्त का खाना भी समय पर मिल जाता है. बच्चे भी अच्छे से रहने लगे हैं. अब वे स्कूल जाते हैं. सुनीता देवी कहती हैं कि पति को पहले शराब की लत थी. जो भी पैसे कमा कर लाते थे, उन्हें दारू में खर्च कर देते थे. इतना ही नहीं, घर में जो भी समान मिलता, उसे भी बेच कर शराब पी जाते थे. विरोध करने पर घर में मारपीट होती रहती थी. कभी-कभी बच्चे भूखे पेट सो जाते थे. पर, अब बीते एक वर्ष से कमाई का पूरा हिस्सा घर में आता है.

घर की आर्थिक हालत सुधर गयी है. अच्छे कपड़े और घर में खाना भी बनने लगा है. सुनीता देवी अब पति की कमाई से दो पैसे बचाने लग गयी हैं, ताकि इस दशहरा बच्चों को नये कपड़े दिला सकें.

पत्नी के प्रति हुए जिम्मेदार
घानी देवी के तीन बच्चे हैं. पति की शराब की लत के कारण पहले बच्चों को पालना भी मुश्किल हो रहा था. घर में रोज के लड़ाई-झगड़ा और किच-किच से वह ऊब चुकी थीं. लेकिन, अब पूर्ण शराबबंदी से काफी खुश हैं. पति शराब दूर हो चुके हैं. अब वह एक जिम्मेदार पति और पिता की तरह पेश आने लगे हैं. नगर -निगम में सफाई कर्मचारी के तौर पर कमाई का पूरा हिस्सा घर पर ही खर्च करते हैं. घानी अब पति की तारीफ करती हैं और सरकार काे धन्यवाद करती है कि शराबबंदी कर मेरे परिवार को नयी जिंदगी दी.
पति के बचाये पैसे से पूजा में खरीदी साड़ी
36 वर्षीया काजल के चेहरे पर भी मुस्कान है. शराबबंदी के बाद उनके पति ने शराब छाेड़ दी. उनके चार बच्चे हैं. चारों पढ़ाई कर रहे हैं. बेटी भी निजी विद्यालय में पढ़ रही है. पति डाकबंगला में काम करते हैं और पूरा वेतन घर-परिवार पर खर्च करते हैं. काजल कहती हैं, पहले शराब पीने में आधा वेतन खर्च कर डालते थे. पर, अब उनकी सेहत और घर दोनों ही सुरक्षित हैं. पहली बार पति के बचाये पैसे से मैंने पूजा में साड़ी खरीदी है.
बेटी जाने लगी स्कूल
आर ब्लॉक के पीछे बसे टोले की 36 वर्षीया पिंकी देवी का पूरा परिवार खुश है. बेटी अांचल के चेहरे पर मुस्कान है, क्याेंकि अब वह पढ़ाई कर रही है. उसे पढ़-लिख कर नौकरी करना है, ताकि वह अपने छोटे भाई बहनों को पढ़ा सकें. पिंकी के पति अब शराब नहीं पीते हैं अौर न ही घर में मारपीट करते हैं. न ही उनके घर में अब हड़िया-बर्तन टूटते हैं. मेहनत-मजदूरी से जो भी पैसा उनका पति कमा कर लाते हैं, अब वह पिंकी को दे देते हैं. वह पहले की तुलना में स्वस्थ भी हो गयी हैं.

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