नीतीश के नालंदा प्रेम पर तेजस्वी का बड़ा सवाल, पूछा-जिले में सबसे ज्यादा नौकरी देने का राज

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा को लेकर विरोधी लगातार सवाल उठाते हैं. नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है, वहां की हर बात और डेवलपमेंट पर विरोधियों की नजर रहती है. इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की नजर उस जिले पर पड़ी है, तेजस्वी ने नालंदा को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2017 1:00 PM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा को लेकर विरोधी लगातार सवाल उठाते हैं. नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है, वहां की हर बात और डेवलपमेंट पर विरोधियों की नजर रहती है. इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की नजर उस जिले पर पड़ी है, तेजस्वी ने नालंदा को लेकर ट्वीटर एकाउंट पर तंज कसा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीटर एकाउंट पर लिखा है कि बिहार के मुख्य विकास कार्यों का 90 फीसदी खर्च मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में ही होता है. यही हाल नौकरियों का है।सब जानते है उन सबकी योग्यता क्या है? तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा प्रेम पर सवाल खड़ा किया है.

गौरतलब है कि हाल में ही आईटी सेक्टर तथा साइबर क्राइम रोकने के लिए बनाने वाले संस्थान के लिए नालंदा में जगह देने की बात हुई थी. खुद मुख्यमंत्री ने जमीन देने की बात कही थी. मुख्यमंत्री के इसी नालंदा प्रेम पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि प्रमुख विकास परियोजनाओं को नालंदा जिला में ही भेजा जाता है. तेजस्वी यादव नौकरियों को लेकर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से बिहार की प्रमुख विकास योजनाएं नालंदा भेजी जाती है उसी तर्ज पर अधिकांश नौकरियों में भी नालंदा के लोगों का प्रतिनिधित्व देखा जाता है. तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार की विभिन्न नौकरियों में बहाल होने वाले लोगों की योग्यता पर भी टिप्पणी की है और कहा कि दुनिया जानती है कि नौकरियों में बहाल नालंदा से आने वाले लोगों की क्या योग्यता रही है. पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली को संबोधित करते हुए नीतीश के नालंदा प्रेम को लेकर निशाना साधा था. राबड़ी देवी ने भी उस वक्त कहा था कि नौकरी में

जिधर देखिए नालंदा का ही लोग रहता है. मानो अकेले नालंदा के लोगों में ही सारी प्रतिभाएं मौजूद है.नीतीश के नालंदा प्रेम को लेकर आम लोगों में भी इसी तरह के सवाल उठते रहते हैं. कई बार बिहार के चौक चौराहों पर चर्चा होती है कि बिहार सरकार के नियंत्रण वाली जितनी योजनाएं आती है उनको नालंदा भेज दिया जाता है. बिहार के नालंदा जिले में हर विभाग से जुड़ी प्रमुख योजना संचालित हो रही हैं तथा हजारों करोड़ की परियोजनाओं अकेले नालंदा जिला में ही संचालित होती है. विरोधियों का भी आरोप रहता है कि क्षेत्रीय संतुलन कायम नहीं किया जाता है.

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