पटना : अनट्रेंड शिक्षक बन गये आईटीआई अनुदेशक, प्रैक्टिकल में हो रही परेशानी

ट्रेंड अनुदेशकों की है भारी कमी पटना : राज्य में आईटीआई की कमी नहीं है लेकिन उनमें पढ़ाने वाले इंस्ट्रक्टर अप टू मार्क नहीं है. इसका असर खासकर प्रैक्टिकल क्लास पर पड़ रहा है. राज्य में शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए अभी कोई संस्थान नहीं है. सरकार इस दिशा में पहल शुरू की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2017 8:55 AM
ट्रेंड अनुदेशकों की है भारी कमी
पटना : राज्य में आईटीआई की कमी नहीं है लेकिन उनमें पढ़ाने वाले इंस्ट्रक्टर अप टू मार्क नहीं है. इसका असर खासकर प्रैक्टिकल क्लास पर पड़ रहा है. राज्य में शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए अभी कोई संस्थान नहीं है. सरकार इस दिशा में पहल शुरू की है. राज्य में बीएड कालेजों की तरह आईटीआई में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी संस्थान खुलेगा.
अभी निजी आइटीआइ में जो शिक्षक या अनुदेशक हैं वो या तो सामान्य इंजीनियरिंग किये हुये है या फिर आईटीआई पास. विशेषज्ञता किसी को हासिल नहीं रहती है. सरकारी आईटीआई की स्थिति इससे बहुत अलग नहीं है. सरकारी आइटीआइ में अनुदेशकों की भारी कमी है. 1100 से अधिक पद काफी समय से खाली है.
केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक कौशल विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है. आईटीआई से लेकर कौशल विकास केंद्र खोले जा रहे हैं. राज्य में सभी अनुमंडल में सामान्य और जिला में महिला आईटीआई खोला जा रहा है.
अभी राज्य में 1061 निजी आईटीआई और सौ से अधिक सरकारी आईटीआई है. श्रम संसाधन विभाग सरकारी और निजी आईटीआई की गुणवत्ता में सुधार के लिए संकल्पित है. निजी आईटीआई को लेकर सरकार गंभीर है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में निजी आइटीआइ के निरीक्षण करने को कहा ताकि यह देखा जा सके कि कि वो निर्धारित मानक व मापदंड के अनुसार है कि नहीं. इसकी जांच के लिए विशेष टीम गठित की जा रही है.
ट्रेंड अनुदेशकों को रखना है आईटीआई में
राज्य में ट्रेंड अनुदेशकों को रखने में दिक्कत यह है कि यहां इस तरह का कोई संस्थान नहीं है. जहां बीएड के तर्ज पर आईटीआई में पढ़ाने वालों को ट्रेंड किया जा सके. इसके लिए दो तरह का कोर्स है. क्राफ्टमैन और एडवांस ट्रेनिंग. कोलकता, कानपुर, चेन्नई, भुवनेश्वर, मुंबई और दिल्ली में इस तरह का ट्रेनिंग सेंटर हैं . राज्य में सरकारी और निजी आईटीआई में दो लाख से अधिक सीटें हैं. मानक के अनुसार 21 छात्र पर दो अनुदेशक होना है .
बनेगी नियमावली
आईटीआई में अनुदेशकों की भारीकमी से जूझ रहा श्रम संसाधन विभाग अनुदेशकों की बहाली के लिए नयी नियमावली बनाने की दिशा में कदम उठा चुका है. दो – तीन माह में नियमावली बनकर तैयार हो जायेगी. नियमावली के बाद बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी . अभी अनुदेशकों की कमी को पूरा करने संविदा पर अनुदेशक रखे गये हैं
राज्य सरकार कर रही बेहतर प्रयास
राज्य में अभी अनुदेशकों को ट्रेनिंग देने के लिए कोई संस्थान नहीं है. सरकार की योजना इस तरह के संस्थान को खोलने की है. इसमें लेकिन अभी समय लगेगा. अभी उपलब्ध संसाधन में बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है.
दीपक कुमार, प्रधान सचिव, श्रम विभाग

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