नयी दिल्ली : बिहार में सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में आरोपी कैफ के साथ पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की तस्वीर की जांच मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट को सीबीआइ ने बताया इस मुद्दे पर जांच नहीं की गयी क्योंकि तेज प्रताप यादव के खिलाफ फोटो के अलावा कोई और सबूत नहीं मिला. मामले पर कोर्ट नेकहाकि आठ हफ्ते बाद इस पर सुनवाई होगी.
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने कहा इस मामले मेंपूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के साथआठ लोगों के खिलाफ 22 अगस्त को चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. गौर हो कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या 16 मई 2016 को गोली मार कर दी गयी थी. इस मामले में मुख्य शूटर रोहित समेत लड्डन मियां, विजय, रिशु, राजेश, सोनू कुमार व सोनू सोनी जेल में बंद हैं. जबकि हत्याकांड में संदिग्ध रहे मो. कैफ उर्फ बंटी व जावेद मियां फिलहाल जमानत पर हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका परआज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये बातें कहीं. मामला भागलपुर सेंट्रल जेल से राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत होने व बाहर आने के बाद सीवान के मो. कैफ उर्फ बंटी व तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप के संग उसकी फोटो वायरल होने से जुड़ी है. तब आशा रंजन ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था. जिसमें कहागया था कि मेरे पति की हत्या मामले में मो. कैफ उर्फ बंटी की भूमिका संदिग्ध है. याचिका में कहा गया कि उसकी तस्वीर राजद के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के साथ होना यह दर्शाता है कि राजदेव रंजन हत्याकांड के संदिग्ध की पहुंच कितनी ऊपर तक है.