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बिहार सृजन घोटाला : तेजस्वी ने नीतीश से पूछे तीखे सवाल, मांगा बिंदुवार जवाब, पढ़ें

पटना : बिहार के भागलपुर में हुए सृजन घोटाले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर पहले भी निशाना साध चुके हैं. अब इसी कड़ी मेंतेजस्वीयादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ चुभते हुए सवाल पूछे हैं. तेजस्वी ने इन सवालों के जरिये मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है. वह भी […]

पटना : बिहार के भागलपुर में हुए सृजन घोटाले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर पहले भी निशाना साध चुके हैं. अब इसी कड़ी मेंतेजस्वीयादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ चुभते हुए सवाल पूछे हैं. तेजस्वी ने इन सवालों के जरिये मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है. वह भी बिंदुवार जवाब. तेजस्वी ने उसी तर्ज पर सवाल पूछा है, जिस तर्ज पर महागठबंधन टूटने से पहले जदयू नेताओं ने तेजस्वी यादव से पूछा था. उन्होंने सरकार पर सृजन घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर जनता को बिंदुवार जवाब देना होगा. कल तक बेनामी संपत्ति और रेलवे टेंडर घोटाले पर जद यू के लोग नीतीश कुमार से बिंदुवार जवाब मांग रहे थे लेकिन अब उसी तर्ज पर तेजस्वी भी नीतीश से बिंदुवार जवाब मांगने लगे हैं.

तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार से पूछा कि डेढ़ महीने से उनकी सरकार सृजन घोटाले के प्रमुख अभियुक्त अमित कुमार, उसकी पत्नी प्रिया रंजन और भाजपा नेता विपिन शर्मा को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही है? क्या उन्हें सरकारी संरक्षण में कहीं छुपा दिया गया है या विदेश भगा दिया गया है? गौरतलब है कि अमित कुमार, प्रिय कुमार, विपिन शर्मा इस घोटाले के मुख्य किंग पिन हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं उन्होंने घोटाला उजागर किया. अगर वे इतने बड़े व्हिसिल ब्लोअर है तो 10 साल से गहरी नींद में क्यों सो रहे थे. जब ताबड़तोड़ चेक बाउंस होने लगे और घोटालेबाज आपस में लड़ने लगे, तब सृजन महाघोटाला उजागर हुआ. वे बताएं कि एक दशक से ज्यादा समय तक सरकारी खजाना क्यों लुटाया? पब्लिक डोमेन में इस संलिप्तता का बिंदुवार जवाब देना ही होगा.



तेजस्वी यादव ने कहा कि बात-बात पर अंतरात्मा और नैतिकता का ढोल बजाने वाले मुख्यमंत्री जनता को इसका जवाब क्यों नहीं दे रहे? अब तो केंद्र और राज्य दोनों में उनकी ही सरकार है. क्या यही वास्तविक सुशासन है? उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि इन फरार अभियुक्तों के मुंह खोलते ही भाजपा-जदयू के कई शीर्षस्थ नेताओं का राजनीतिक जीवन समाप्त हो जायेगा. क्या अभियुक्तों को इस बीच ‘सीमा’ में रहकर मुंह खोलने के ढोंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है? गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास था, फिर भी मनोरमा देवी और सृजन एनजीओ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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