तेजस्वी यादव ने किया सत्ता का दुरुपयोग, बिना नक्शा पास कराये शुरू कराया मॉल का निर्माण : सुशील मोदी

पटना : सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को फिर लालू परिवार पर हमला बोला है. इस बार उनके निशाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते रेलवे के दो होटल को देने के एवज में तेजस्वी की तीन एकड़ जमीन पर बन रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2017 11:27 PM

पटना : सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को फिर लालू परिवार पर हमला बोला है. इस बार उनके निशाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते रेलवे के दो होटल को देने के एवज में तेजस्वी की तीन एकड़ जमीन पर बन रहे 750 करोड़ रुपये के 15 मंजिले बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण बिना नक्शा पास कराये शुरू कर दिया गया था. चार अप्रैल को मिट्टी घोटाला उजागर होने के दस दिन बाद आनन-फानन में आधे अधूरे कागजात के साथ 15 अप्रैल को दानापुर नगर परिषद में नक्शा की स्वीकृति हेतु आवेदन कर दिया गया.

अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे मोदी ने कहा कि बिहार नगर पालिका अधिनियम-2007 के नियम-313 में स्पष्ट प्रावधान है कि भवन की योजना स्वीकृत होने पर ही कोई व्यक्ति निर्माण करेगा. लेकिन, सत्ता का दुरूपयोग करते हुए तेजस्वी यादव नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे. इसी मॉल को लेकर उनकी गद्दी भी चली गयी. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे व्यक्ति पर अधिक जिम्मेवारी होती है. उन्हें अधिक नियमों का पालन करना चाहिए. अभी इस मॉल को आयकर ने अटैच कर लिया है. एक सवाल के उत्तर में मोदी ने कहा कि इस मामले में विधि सम्मत जो कार्रवाई होगी वह होगी. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री बनने के महज छह माह के भीतर तीन एकड़ जमीन पर 7.66 लाख वर्गफुट का एक हजार ऑफिस स्पेस, पांच सितारा होटल शापिंग मॉल का एग्रीमेंट सुरसंड के विधायक अबुल दोजाना की कंपनी के साथ किया गया.

मोदी ने बताया कि सवा माह बाद 24 मई, 2017 को नगर परिषद दानापुर ने नक्शे के त्रुटि निराकरण हेतु तेजस्वी के वास्तुविद को नोटिस किया. नोटिस में बताया गया कि चेक लिस्ट अधूरा है. बेसमेंट का आइडेंटी बांड नहीं है. माल गुजारी रसीद अद्यतन नहीं है. वास्तुविद या भू-स्वामी का मूल हस्ताक्षर नहीं है. जमीन का दस्तावेज नहीं है. अग्निशमन विभाग व एनजीटी का एनओसी नहीं है. नक्शे का सॉफ्ट कॉपी नहीं हैं. भू-स्थल का फोटो नहीं है. उन्होंने कहा कि चार माह बीतने का बाद आज तक त्रुटि का निराकरण नहीं किया गया और न ही नोटिस का जवाब दिया गया. एक सितंबर, 2017 को कार्यपालक अधिकारी दानापुर ने जवाब अप्राप्त होने की सूचना दी है और पुनः स्मारित करने का निर्णय लिया है.

Next Article

Exit mobile version