पटना : निजी स्कूलों में बच्चों की समुचित सुरक्षा के सवाल पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का रुख सख्त है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा जवाब तलब किये जाने के बाद बोर्ड ने स्कूलों को अपने सभी कर्मचारियों की मानसिक जांच (साइकोमेट्रिक टेस्ट) व पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य कर दिया है. इनमें शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शामिल हैं. चूंकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों द्वारा बच्चों को बेरहमी से पीटने की घटनाएं प्रकाश में आती रही हैं. इसे ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने शिक्षकों की भी जांच व वेरीफिकेशन की अनिवार्यता बतायी है. बोर्ड के निर्देश के बाद शहर व आसपास के स्कूलों ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है.
शिक्षकों के आक्रोश व कुदृष्टि का शिकार होते रहे हैं बच्चे
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना ने बेशक अभिभावकों को दहला दिया है. लेकिन, शहर व राज्य समेत देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आती रही हैं, जिनमें बच्चे शिक्षकों के आक्रोश का शिकार हुए हैं. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक स्कूल में शिक्षिका द्वारा छात्र को 40 तमाचा मारने, झारखंड के जमशेदपुर स्थित स्कूल में शिक्षक के तमाचे से छात्र के कान का पर्दा फटने, शहर के एक स्कूल में शिक्षिका द्वारा छात्र के साथ अश्लील हरकत किये जाने समेत अन्य घटनाएं प्रताड़ना के उदाहरण हैं.
क्या है साइकोमेट्रिक टेस्ट
यह टेस्ट मनोचिकित्सा के तहत आता है. इसमें सामान्यत: संख्यात्मक व मौखिक तर्क तथा चित्रात्मक तर्क आधारित जांच की जाती है. नौकरी अथवा नियोजन के लिए प्रारंभिक स्क्रीनिंग पद्धति के रूप में यह जांच करायी जाती है. इसमें व्यक्तित्व से जुड़े प्रश्नों के आधार पर व्यक्तिगत गुण-दोष का पता लगाने का प्रयास किया जाता है. इस क्रम में बदलती परिस्थिति के अनुसार व्यक्ति की प्रतिक्रिया की भी जानकारी हासिल की जाती है. ताकि, यह आकलन किया जा सके कि आवेदक या व्यक्ति संस्थान अथवा प्रतिष्ठान के लिए कितना योग्य है.
अनिवार्य रूप से कराएं वेरीफिकेशन व टेस्ट
पटना स्थित सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने कहा है कि सीबीएसई ने सभी कर्मचारियों की मानसिक जांच व पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया है. इस प्रक्रिया में शिक्षकों को भी शामिल किया जा रहा है. पिछले दिनों स्कूल संचालक व प्राचार्यों की बैठक में जिलाधिकारी ने भी निर्देश दिया था. इसके बाद से जांच व वेरीफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
विशेषज्ञों की टीम करेगी स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट
सीबीएसई ने स्कूलों को सेफ्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया है. वहीं, सिक्यूरिटी सेक्टर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एसएसएसडीसी) ने सीबीएसई के समक्ष विशेषज्ञों की टीम से स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट कराने की पेशकश की है. सीबीएसई की सहमति मिली, तो सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम देश भर में स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट करेगी. काउंसिल की ओर से स्कूलों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से सख्त निगरानी के उपाय सुझाने के साथ ही विशेषज्ञों के सहयोग से कर्मचारियों का साइकोमेट्रिक टेस्ट व यथासंभव मनोविकारों का भी पता लगाने की बात कही गयी है. जानकारी के अनुसार, गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना के बाद से कई स्कूलों ने सुरक्षा के आवश्यक उपाय में सहयोग के लिए काउंसिल से संपर्क किया है. इसके बाद काउंसिल ने सीबीएसई को यह प्रस्ताव दिया है. भारत सरकार की नेशनल स्किल पॉलिसी के तहत नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) व सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्यूरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) के संयुक्त सहयोग से एसएसएसडीसी का गठन किया गया है.