प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ईंट भट्ठा मालिकों को बताया कि क्या है क्लीनर तकनीक

पटना : बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने ईंट भट्टा मालिकों को अब क्लीनर टेक्नोलॉजी के बारे में बताने के लिए कार्यशाला का आयोजन करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में ईंट-निर्माण मेंं अपनायी जा रही विभिन्न प्रकार की ‘क्लीनर तकनीक’ पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन बीआइए के सभा कक्ष में आयोजित किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2017 9:02 AM
पटना : बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने ईंट भट्टा मालिकों को अब क्लीनर टेक्नोलॉजी के बारे में बताने के लिए कार्यशाला का आयोजन करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में ईंट-निर्माण मेंं अपनायी जा रही विभिन्न प्रकार की ‘क्लीनर तकनीक’ पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन बीआइए के सभा कक्ष में आयोजित किया गया.
इस कार्यशाला में पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास एवं समस्तीपुर जिलों के 300 से ज्यादा ईंट भठ्ठों के मालिक और संचालकों ने भाग लिया. इस कार्यशाला में ग्रीन टेक नॉलेज सॉल्यूशंस के सोनल कुमार अौर सत्येंद्र राणा ने जिग जैग स्वच्छतर तकनीक के नेचुरल ड्राफ्ट और जिगजैग इन्डयूस्ड ड्राफ्ट तकनीक के बारे में विस्तार से बताया.
ईटों की गुणवत्ता में भी सुधार
इन्डयूस्ड तकनीक के तहत डिजाइन में अन्य परिवर्त्तन के अतिरिक्त जहां पंखा लगाने की आवश्यकता होती है. वहीं नेचुरल ड्राफ्ट में चिमनी की ऊंचाई बढ़ाने की आवश्यकता होती है. इससे ईंधन की खपत में कमी, प्रदूषक तत्वों के उत्सर्जन में कमी के साथ ही इंटों की गुणवत्ता में भी सुधर होता है.
डेवलपमेंट अल्टरनेटिव, नई दिल्ली के समर्थ द्वारा वर्टिकल साफ्रट ब्रिक क्लीन पर चर्चा की गयी एवं फ्लाई ऐश ईंट भट्ठा तकनीक के विषय में विस्तार से बताया गया. कार्यशाला के प्रारंभ में राज्य पर्षद के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी डाॅ नवीन कुमार, द्वारा ईंट भट्ठों में स्वच्छतर तकनीकी अपनाये जाने की आवश्कता एवं इसकी पृष्ठभूमि पर चर्चा की गयी. इस अवसर पर राज्य पर्षद के क्षेत्रीय कार्यालय, पटना के क्षेत्रीय पदाधिकारी नंद कुमार भी उपस्थित थे.

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