पटना : सातवां वेतनमान आयोग ने राज्य कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के अलावा पेंशनरों के लिए भी बढ़ोतरी करने से संबंधित रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें राज्य सरकार की तरफ से पेंशन पाने वाले रिटायर्ड कर्मियों के लिए कई सुविधाएं मुहैया कराने की अनुशंसा की गयी है. इसके तहत इन्हें वर्ष 2016 से ही नोशनल के रूप में पेंशन बढ़ोतरी का लाभ देने की सिफारिश की गयी है. यानी, आर्थिक रूप से उन्हें इस बढ़ोतरी का लाभ अप्रैल 2017 से ही मिलेगा, लेकिन सैद्धांतिक या कागज पर उन्हें लाभ जनवरी 2016 से ही दिया जायेगा. इसमें पेंशनधारकों के पेंशन में करीब 2.57 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की तैयारी है. किसी भी स्तर के पेंशनधारकों के मूल पेंशन में 2.57 की बढ़ोतरी होगी. यह बढ़ोतरी ठीक उसी तरह होगी, जैसे राज्य कर्मियों को उनके मूल वेतन में 2.57 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है. इसी तर्ज पर पेंशन में भी बढ़ोतरी होने जा रही है.
अब किसी कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन के आधार पर ही पेंशन का लाभ मिलेगा. अगर किन्ही कर्मी का अंतिम वेतन 50 हजार रुपये है, तो इसके आधार पर ही उनका पेंशन निर्धारित होगा और सातवें वेतनमान के हिसाब से ही उन्हें बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. इसके अलावा पेंशनरों को एक विशेष सुविधा देने पर गंभीरता से विचार चल रहा है. वह है, किसी भी रिटायर्ड कर्मचारी को उनके वर्तमान वेतन के अनुपात में पेंशन का निर्धारण करना. कोई कर्मचारी अगर पांच साल पहले रिटायर्ड हुए हैं, तो उनके पद का वर्तमान में जितना वेतन है, इसके अनुपात में उन्हें भी पेंशन का लाभ दिया जायेगा. इससे पेंशनरों को काफी बड़ा लाभ होगा. यह पहली बार है, जब राज्य में पेंशनरों को इस तरह का लाभ दिया जा रहा है.
बासा कर्मचारी संघ ने पे-लेवल 13 में की सुधार की मांग
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) ने राज्य सरकार से मांग की है कि सातवें वेतनमान में उन्हें जो लाभ दिया गया है. उसमें कुछ विसंगति भी मौजूद है. इस मामले में संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार का कहना है कि इस बार जो पे-लेवल निर्धारित किया गया है. उसके 13 नंबर पे-लेवल में जो सैलरी निर्धारित की गयी है, वह केंद्रीय वेतनमान से अलग है. केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित पे-लेवल 13 के कर्मियों के लिए एक लाख 23 हजार 100 रुपये की सैलरी तय की गयी है. जबकि, राज्य में इसी लेवल के लिए एक लाख 18 हजार 500 रुपये की सैलरी निर्धारित की गयी है. इस अंतर को दूर करने की जरूरत है. अन्य सभी पे-लेवल की सैलरी केंद्र सरकार की तर्ज पर ही है. इस वजह से बासा भी इन्हें जल्द दूर कराना चाहता है.