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केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया बोले, देश के 192 जिले ओडीएफ बिहार का एक भी नहीं

पटना : देश के 192 जिले ओडीएफ (खुले से शौच मुक्त) हो गये हैं, लेकिन इसमें बिहार का एक भी जिला शामिल नहीं है. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 32.5 फीसदी ही इस पर काम हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत से आधा है. राष्ट्रीय स्तर पर शौचालय व स्वच्छता पर 67 फीसदी काम हो चुका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2017 8:31 AM
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पटना : देश के 192 जिले ओडीएफ (खुले से शौच मुक्त) हो गये हैं, लेकिन इसमें बिहार का एक भी जिला शामिल नहीं है. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 32.5 फीसदी ही इस पर काम हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत से आधा है. राष्ट्रीय स्तर पर शौचालय व स्वच्छता पर 67 फीसदी काम हो चुका है. यह जानकारी केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया ने दी. बिहार दौरे पर आये केंद्रीय राज्य मंत्री ने गुरुवार को राज्य सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री और अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की.

इसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2018 तक पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करना है. बिहार सरकार का नेतृत्व डायनेमिक मुख्यमंत्री कर रहे हैं. सरकार एक्शन प्लान बनाये और लक्ष्य प्राप्त करने का मापदंड तैयार करे. केंद्र सरकार हर संभ‌व मदद करेगी. फिलहाल राज्य में नौ हजार शौचालय प्रतिदिन बन रहे हैं, लेकिन हर दिन 25 हजार शौचालय बनने से ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खुले में
शौच मुक्त करने के लिए ग्रामीण इलाकों में मोटिवेशन की आवश्यकता है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 2018 तक बिहार में फ्लोराइड-आर्सेनिक वाले इलाकों में सेफ ड्रिंकिंग वाटर की सुविधा पहुंचा दी जायेगी. मंत्री ने कहा कि वे खुद बिहारी हैं. वे फिलहाल बंगाल से सांसद हैं, लेकिन वे 24 साल बिहार से ही सांसद रहे हैं. बिहार उनकी प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से कई जिलों में शौचालय के टूटने की शिकायत मिली है. ऐसे में उसकी मरम्मत भी करायी जायेगी.
नल का जल पहुंचाने में पथ प्रदर्शक बने बिहार
राज्य के ग्रामीण इलाके में पेयजल व स्वच्छता योजनाओं की समीक्षा में केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री ने कहा कि हर घर को नल का जल पहुंचाने में बिहार को पथ प्रदर्शक बनना चाहिए. भारत सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी ग्रामीण घरों को पाइप से पानी पहुंचाना है, जबकि बिहार सरकार ने 2020 तक ही इस लक्ष्य को पाने का निश्चय किया है. केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत जल गुणवत्ता सबमिशन के तहत 755 जलापूर्ति योजनाओं को शीघ्र पूरा करा कर लोगों को स्वच्छ पानी पहुंचाने की बात कही.

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