Loading election data...

शरद यादव ने राज्यसभा के सभापति को सौंपा जवाब, जानें क्या लिखा जवाब

नयी दिल्ली : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बागी नेता व राज्यसभा सदस्य शरद यादव और अली अनवर ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने की शिकायत पर शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया. पार्टी के बागी गुट के नेता शरद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2017 10:53 PM

नयी दिल्ली : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बागी नेता व राज्यसभा सदस्य शरद यादव और अली अनवर ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने की शिकायत पर शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया. पार्टी के बागी गुट के नेता शरद यादव और अली अनवर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर जदयू नेतृत्व ने राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू से दोनों नेताओं की संसद सदस्यता रद्द करने का अनुरोध किया था.

शरद गुट के नेता जावेद रजा ने बताया कि सभापति द्वारा जारी नोटिस पर दोनों नेताओं ने अपने वकील के माध्यम से 400 पेज का अपना जवाब पेश किया है. रजा ने बताया कि जवाब में यादव की अगुवाई वाले गुट को ही वास्तविक जदयू बताते हुए दलील दी गयी है कि शिकायत के दायरे में लाये गये दोनों सांसदों के ऊपर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है. इसमें कहा गया है कि शरद यादव और अली अनवर की शिकायत करनेवाला पार्टी का गुट अब भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गया है. इसी आधार पर हाल ही में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले शिकायतकर्ता गुट द्वारा किये गये पार्टी संबंधी फैसलों को रद्द कर दिया गया है.

शरद यादव और अली अनवर ने दूसरी अहम दलील वास्तविक जदयू की पहचान का मामला चुनाव आयोग में लंबित होने की दी है. इसके हवाले से यादव और अली ने आयोग का अंतिम फैसला दिये जाने तक सभापति से इस शिकायत का निस्तारण नहीं करने का अनुरोध किया है. उल्लेखनीय है कि जदयू में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट के राजग में शामिल होने के फैसले के विरोध में शरद यादव गुट ने विद्रोही तेवर अपना लिये थे. इसके बाद दोनों गुटों ने अपने अपने धड़े को वास्तविक जदयू बताते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न पर अपना दावा पेश किया है.

Next Article

Exit mobile version