RJD में बगावत, मुजफ्फरपुर गायघाट विधायक ने पार्टी के साथ लालू के खिलाफ खोला मोर्चा
पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर जहां कानून का शिकंजा बेनामी संपत्ति को लेकर पूरे परिवार पर कसता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसा लगता है कि पार्टी के कुछ नेता भी हाथ से […]
पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर जहां कानून का शिकंजा बेनामी संपत्ति को लेकर पूरे परिवार पर कसता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसा लगता है कि पार्टी के कुछ नेता भी हाथ से फिसलते जा रहे हैं. ताजा मामला मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक महेश्वर यादव का है. महेश्वर यादव ने पार्टी के खिलाफ बगावत के सुर बुलंद कर लिये हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आजकल विधायक जमकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार की तारीफ कर रहे हैं. कहा यह जा रहा है कि लालू यादव के नाम पर चुनाव जीतकर आये यह विधायक आजकल नीतीश कुमार की जमकर गुणगान करते हैं.
वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि महेश्वर यादव के बारे में राजद के सभी शीर्ष नेताओं को पता है, संकट में चल रहे परिवार और पार्टी की चिंता महेश्वर यादव ने बढ़ा दी है. विधायक ने मीडिया में बयान देते हुए कहा है कि पार्टी के भीतर कई ऐसे विधायक हैं, जो लालू की नीतियों के खिलाफ हैं. राजद की ओर से विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है. वहीं दूसरी ओर लगातार जदयू नेता राजद पर हमलावर रुख अपनाये हुए हैं.
विधायक महेश्वर यादव ने महागठबंधन टूटने के बाद भी बगावती तेवर अपनाया था और इसका दोष लालू यादव पर मढ़ा था. विधायक ने बयान देकर कहा था कि यदि तेजस्वी इस्तीफा दे देते, तो गठबंधन बच जाता, लेकिन लालू यादव ने पुत्र मोह में ऐसा करने नहीं दिया और महागठबंधन के हाथ से सत्ता चली गयी. इससे पूर्व भी महेश्वर यादव ने कहा था कि महागठबंधन लालू यादव के पुत्र मोह के कारण टूटा है. तेजस्वी यादव पर केस दर्ज होने के बाद कई विधायकों ने कहा था कि उन्हें डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन लालू नहीं माने. राजद में लालू प्रसाद को लेकर कोई खुलकर विरोध में बयान नहीं देता, लेकिन मामला इतना आगे बढ़ गया था कि अब राजद विधायक अपने पार्टी अध्यक्ष के फैसले के विरोध में बोले थे. महेश्वर ने कहा था कि जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना था. सरकार अच्छी चल रही थी, लेकिन एक जिद के चलते राजद को बिहार की सत्ता से बाहर होना पड़ा. महेश्वर ने कहा कि लालू अपनी जिद पर अड़े थे. कोई उन्हें मना नहीं पाया. नीतीश तो नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे घूमते रहे. दिल्ली जाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिले, लेकिन वे भी तेजस्वी का इस्तीफा नहीं करा पाये. इस बात से नीतीश इतने परेशान हुए कि इस्तीफा दे दिया.
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