पटना : राजद सुप्रीमो लालू यादव पर जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने बड़ा हमला बोला है. नीरज कुमार ने सीबीआई द्वारा सम्मन जारी किये जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके कर्मों का ही फल है कि नवरात्र में माता के मंदिर के बजाय कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. शुक्रवार को आईआरसीटीसी के रेलवे होटल टेंडर आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो ने लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को सम्मन जारी किया है. नीरज ने कहा कि लालू ने जैसा कर्म किया है वैसा ही फल वह और उनका परिवार भोग रहा है. नीरज ने कहा कि नेपाल जाने से भी कपाल साथ नहीं छोड़ता है और यह उनके कर्मों का ही फल है कि नवरात्र के पवित्र दिनों में भी उनको कोर्ट-कचहरी और ईडी सीबीआई का चक्कर काटना पड़ रहा है.
जदयू प्रवक्ता ने शायराना अंदाज में कहा कि कोई काहू मगन कोई काहू मगन. उनका इशारा लालू कुनबे द्वारा बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने की तरफ था. उन्होंने कहा कि नवरात्र में पूरे देश की जनता मां दुर्गा के यहां शीश झुका रही है तो लालू और उनके परिवार को सीबीआई, ईडी और कोर्ट कचहरी में पेश होना पड़ रहा है. नीरज ने कहा कि लालू के कर्मों का फल उनका परिवार भोग रहा है. नीरज ने कहा कि मुकदमे, पेशी, कोर्ट कचहरी सीबीआई, बेऊर जेल , होटवार जेल के तो लालू अभ्यस्त हैं. लालू को तो कोई मानसिक परेशानी है नहीं. चिंता तो बच्चों को है जो उनके कारनामों का फल भोगेंगे. नीरज ने कहा कि लालू के लिए कोर्ट कचहरी जेल यात्रा सौभाग्य है और यही सौभाग्य अपने बच्चों को दिलाने के लिए वे इस कदर लालायित हो गये कि पूरे परिवार को न्यायिक जकड़न में फंसा दिया.
नीरज ने कहा कि लालू प्रसाद विरोधियों पर मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते हैं तो उन्हें कोर्ट जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट में तो वे गिड़गिड़ाते हैं कि रोजाना पेशी से परेशानी है लेकिन अपना तर्क नहीं रखते. नीरज ने लालू को अविलंब न्यायालय में अपनी बात रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लालू को पता है कि न्यायालय से क्या फैसला आयेगा इसलिए वे न्यायालय में अपनी बात रखने के बजाय बाहर बोल रहे हैं.
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