पटना : सृजन घोटाले में भागलपुर जेल में बंद 17 आरोपितों को रिमांड पर लेकर सीबीआइ की टीम पूछताछ करेगी. मंगलवार को सीबीआइ के आवेदन पर पटना स्थित विशेष मजिस्ट्रेट गायत्री कुमारी की अदालत ने सभी आरोपितों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया. प्रोडक्शन वारंट मिलने के बाद अब सीबीआइ की जांच टीम इन सभी आरोपितों से घोटाले के बारे में पूछताछ करेगी. सीबीआइ के आवेदन पर कोर्ट ने एक दिन पहले आदेश सुरक्षित रख लिया था. सीबीआइ ने अपनी दलील में कहा था कि जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे अलग से पूछताछ जरूरी है. इससे अन्य कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर हो सकते हैं. गौरतलब है कि सृजन घोटाले में दिल्ली सीबीआइ की विशेष टीम द्वारा मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में कुल दस प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
रिमांड पर किसे लेगी सीबीआइ
जेल में बंद जिन आरोपितों को सीबीआइ रिमांड पर लेगी उनमें इंडियन बैंक के अजय पांडेय, भागलपुर डीएम के स्टेनो प्रेम कुमार, भू-अर्जन के नाजिर राकेश झा, सृजन के ऑडिटर एससी झा, फर्जी बैंक स्टेटमेंट तैयार करने का आरोपित बंशीधर, जिला परिषद का नाजिर राकेश कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा के रिटायर मैनेजर अरुण कुमार सिंह, भागलपुर के जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार, सृजन की कर्ता-धर्ता मनोरमा देवी का ड्राइवर विनोद कुमार मंडल, सृजन की प्रबंधक सरिता झा, कहलगांव को-आॅपरेटिव बैंक की कर्मी सुनीता चौधरी, बांका को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजर विजय गुप्ता, बैंक ऑफ बड़ौदा के असिस्टेंट मैनेजर अतुल रमण, नवगछिया को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजर अशोक कुमार अशोक, भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व मैनेजर सुधांशु कुमार दास, सहरसा के जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा और भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक के लेखा प्रबंधक हरिशंकर उपाध्याय के नाम हैं. सृजन घोटाले मामले में यह सभी भागलपुर जेल में बंद हैं.