बिहार : …अब अपराधियों की तरह शराब माफियाओं की भी जब्त होगी संपत्ति

प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज होगा केस कौशिक रंजन पटना : राज्य में शराब की तस्करी के तेजी से बढ़ते मामलों पर नकेल कसने के लिए सरकार बड़ी पहल करने जा रही है. इसके तहत शराब तस्करी में शामिल माफियाओं, तस्करों या कारोबारियों की संपत्ति जब्त करने के नियम-कायदे अब बेहद सख्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 7:09 AM
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज होगा केस
कौशिक रंजन
पटना : राज्य में शराब की तस्करी के तेजी से बढ़ते मामलों पर नकेल कसने के लिए सरकार बड़ी पहल करने जा रही है. इसके तहत शराब तस्करी में शामिल माफियाओं, तस्करों या कारोबारियों की संपत्ति जब्त करने के नियम-कायदे अब बेहद सख्त होने जा रहे हैं. इसके अंतर्गत इस धंधे में शामिल लोगों पर अब पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की जायेगी. अब ईडी के स्तर पर ऐसे तस्करों की संपत्ति जब्त की जायेगी.
इनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए अन्य क्रिमिनल की तर्ज पर ही शराब माफियाओं पर इसीआइआर (इनफोर्समेंट केस इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट) दर्ज करके पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की जायेगी. राज्य सरकार ने अपनी तरफ से इस मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है. इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजा रहा है. अब इस पर केंद्र सरकार के आदेश का इंतजार होगा. क्योंकि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) वित्त मंत्रालय के नियंत्रण में ही आता है.
ऐसे तस्करों की सभी संपत्ति को जब्त करने की कवायद ठीक उसी तरह से होगी, जिस तरह से किसी बड़े क्रिमिनल की संपत्ति को जब्त करने की होती है. शराब तस्करों की सभी संपत्ति को अवैध या किसी तरह की आपराधिक गतिविधि से कमाई गयी संपत्ति का प्रारूप मानते हुए इनकी जब्ती की कवायद होगी.
अगर राज्य के इस प्रस्ताव पर केंद्र की मुहर लग जाती है, तो शराब तस्करों पर सीधे तौर पर ईडी कार्रवाई कर सकेगी. साथ ही पीएमएलए की धारा-2 में दर्ज अपराधों की श्रेणी में इसे शामिल कर लिया जायेगा. इसमें पहले सूचीबद्ध अपराधों की सूची में शराब तस्करी भी दर्ज हो जायेगी और इसमें शामिल लोगों की संपत्ति को क्रिमिनल गतिविधियों से जमा की गयी संपत्ति के नजर से देखा जायेगा.
पहली बार प्रावधान
इडी जब्त करने की प्रक्रिया सबूत मिलने के साथ ही शुरू कर सकती है. बिहार देश में पहला राज्य होगा, जहां शराब माफियाओं या तस्करों की संपत्ति को जब्त करने के लिए इडी के स्तर पर कार्रवाई करने की छूट होगी. इस तरह का प्रावधान पहली बार होने जा रहा है.
राज्य सरकार कर रही बड़ी तैयारी
राज्य सरकार एक प्रस्ताव तैयार करने जा रही है, जिसमें शराब तस्करों की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया विजिलेंस और आर्थिक अपराध इकाई भी अपने स्तर से कर सकेगी. ऐसे अवैध कारोबारियों की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया अन्य अपराधियों या भ्रष्ट लोकसेवकों की तर्ज पर ही की जायेगी. वर्तमान में भ्रष्ट लोक सेवकों की संपत्ति को जब्त करने के लिए विजिलेंस या इओयू के स्तर पर डीए केस दर्ज किया जाता है. अपराधियों के खिलाफ भी स्पेशल कोर्ट एक्ट के तहत संपत्ति जब्त की जाती है.

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