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पटना : आईजीआईएमएस में हंगामा, मांग रहे थे वेतन, मिलीं ताबड़तोड़ लाठियां
आईजीआईएमएस में हंगामा. संविदा कर्मियों की हड़ताल, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मंगलवार को उस समय इलाज व्यवस्था चरमरा गयी, जब संविदा कर्मचारियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. दो माह से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मचारी मंगलवार की दोपहर सड़क पर उतर गये और जम कर […]
आईजीआईएमएस में हंगामा. संविदा कर्मियों की हड़ताल, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मंगलवार को उस समय इलाज व्यवस्था चरमरा गयी, जब संविदा कर्मचारियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. दो माह से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मचारी मंगलवार की दोपहर सड़क पर उतर गये और जम कर नारेबाजी की.
सैकड़ों की संख्या में जुटे कर्मचारियों ने मेन गेट बंद कर ताला जड़ दिया और लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी. वहीं समझाने गयी पुलिस से भी आंदोलनकारी भीड़ गये और धक्का-मुक्की होने लगी. अंत में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और दौड़ा-दौड़ा कर कर्मचारियों को पीटा. इसके कारण अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. लाठीचार्ज के कारण आधा दर्जन लोगों को चोट आयी है.
एक सिस्टर का हाथ टूट गया. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया. इधर, इस घटना के बाद अस्पताल में इलाज व्यवस्था बाधित रही और मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जबकि हड़ताल के बाद अस्पताल प्रशासन ने 24 घंटे के अंदर एक माह का वेतन देने का वादा किया, इसके बाद मामला शांत हुआ.
ऑपरेशन लेट, 700 मरीज लौटे
350 संविदा कर्मचारी सुबह 8:30 बजे ही अस्पताल परिसर में जमा हो गये और वेतन की मांग करने लगे. कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन का घेराव किया, वहां से बलपूर्वक सुरक्षा कर्मचारियों ने हटा दिया. इससे नाराज होकर कर्मचारी ने 11:15 बजे मेन गेट पर चले गये और गेट में ताला बंद कर दिया.
इससे ओपीडी आनेवाले मरीज मेन गेट पर ही रुक गये और अंदर जाने का इंतजार करने लगे. करीब डेढ़ घंटे बाद भी जब गेट नहीं खुला, तो अंत में करीब 700 मरीज बिना इलाज के ही लौट गये. वहीं सुबह नौ बजे से 11:15 बजे के बीच करीब 1300 मरीज अंदर गये थे उन्हीं का इलाज हुआ. ऑपरेशन के लिए भी मरीजों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ गया. ट्रॉली मैन व चपरासी नहीं मिलने से मरीज के परिजनों को ट्रॉली खुद चलानी पड़ी.
लाठीचार्ज से सिस्टर का हाथ टूटा
कर्मचारियों पर पुलिस लाठीचार्ज के दौरान एक सिस्टर का हाथ टूट गया. भागने के दौरान महिला का हाथ टूटा. उसका इलाज आईजीआईएमएस के आॅर्थो विभाग में चल रहा है. बाकी आधा दर्जन पुरुष कर्मचारियों को हल्की चोटें आयीं हैं. हड़ताल में ट्रॉली मैन, ओटी असिस्टेंट, नर्स, चपरासी, वार्ड ब्वॉय, लिफ्ट मैन आदि शामिल थे.
पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से की धक्का-मुक्की
आईजीआईएमएस गेट पर जब पुलिस संविदाकर्मियों को हटाने के लिए पहुंची, तो उस समय महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी. इसी बीच महिला संविदाकर्मियों में से किसी ने ईंट उठा कर मारने के लिये दौड़ी, तो किसी ने चप्पल निकाल कर पुलिस पर हमला कर दिया. यह घटना उस समय हुई जब पुलिसकर्मी लोहे के तार को तोड़ने का प्रयास कर रही थी.
पुलिस ने किसी तरह से मामले को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन वे लोग लगातार पुलिस पर हावी हो रहे थे. इस दौरान पुरुष पुलिसकर्मियों से महिलाओं ने खींचतान और धक्का-मुक्की भी की. इसके बाद पुरुष पुलिसकर्मियों ने ही महिलाकर्मियों की दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई शुरू कर दी. लाठीचार्ज की घटना हो गयी, तब कुछ देर बाद महिला पुलिसकर्मी वहां पहुंची. हालांकि, महिलाओं की पुरुष द्वारा पिटाई पर पुलिस अधिकारी भी गंभीर है और इस मामले में कुछ पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है.
तार से बंधा गेट खोलने गये पुलिसकर्मी का हाथ मरोड़ा, दर्ज होगी एफआईआर
आईजीआईएमएस में हंगामा कर रहे संविदा कर्मियों के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. इन कर्मियों पर पुलिसकर्मियों से मारपीट, हमला करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया जायेगा.
शास्त्री नगर थानाध्यक्ष निहार भूषण ने बताया कि इन लोगों ने लोहे के तार से गेट को बंद कर दिया था, इस दौरान जब पुलिस ने तार को काट कर गेट को खोलने का प्रयास किया, तो उन लोगों ने एक पुलिसकर्मी का हाथ मरोड़ दिया और हमला कर दिया. इस मामले में मजिस्ट्रेट के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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