कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी पर कार्रवाई संभव, गोलबंदी शुरू

पटना : कांग्रेस विधायक दल में टूट की आशंका के मद्देनजर अगला सप्ताह अहम माना जा रहा है. पार्टी विधायकों की गोलबंदी शुरू हो गयी है. एक गोलबंदी नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हो रही है. दूसरी गोलबंदी पार्टी से नाराज चल रहे विधायकों की है. ऐसे विधायकों का तीन अक्तूबर के बाद से पटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2017 12:46 AM

पटना : कांग्रेस विधायक दल में टूट की आशंका के मद्देनजर अगला सप्ताह अहम माना जा रहा है. पार्टी विधायकों की गोलबंदी शुरू हो गयी है. एक गोलबंदी नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हो रही है. दूसरी गोलबंदी पार्टी से नाराज चल रहे विधायकों की है. ऐसे विधायकों का तीन अक्तूबर के बाद से पटना पहुंचना शुरू हो जायेगा. इसके बाद आगे की रणनीति पर गौर किया जायेगा. इधर, प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि पार्टी के खिलाफ बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.

उधर, पद से हटाये जाने के बाद अशोक चौधरी गुट आगे की रणनीति में जुटे हैं. कोई बड़ा कदम उठाने के पहले अशोक चौधरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करना चाहते हैं. विधायक दल में टूट के लिए कम से आधा दर्जन विधायक पूरे नहीं हो पा रहे हैं. भाजपा के मुकाबले जीत कर आये ऐसे विधायकों को अगले विधानसभा चुनाव में अपनी सीट की चिंता सता रही है.

अधिकतर एमएलए हमारे साथ, दो अक्तूबर बाद संगठन के कार्यकलाप की रणनीति पर होगा विमर्श: कौकब कादरी

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि दो अक्तूबर के बाद संगठन के कार्यकलाप को लेकर सभी नेताओं के साथ विमर्श होगा. इसमें सभी विधायक,विधान पार्षद व अन्य नेता शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के अधिकतर विधायक उनके साथ हैं. कादरी ने कहा एक-दो दिनों में संगठन के कार्यकलाप पर पार्टी नेताओं के साथ विमर्श करेंगे. सभी कमेटी भंग होने की स्थिति में काम का तौर-तरीका किस तरह होगा उसमें सभी से सहयोग लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि संगठन को बेहतर बनाने के लिए सभी के साथ रायशुमारी करेंगे.

कांग्रेस संस्कृति के खिलाफ अशोक चौधरी का बयान : डा अशोक

पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता डॉ अशोक कुमार ने कहा कि कांग्रेस संस्कृति के खिलाफ अशोक चौधरी ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसी के कहीं चले जाने पर पार्टी के सेहत पर कोई असर नहीं पड़नेवाला है. अगर एक अशोक चौधरी जाते हैं तो उनकी जगह हजार आ जायेंगे. उनका ऐसा कद नहीं है कि उनके जाने से पार्टी को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी दलित समाज को जोड़ने में नाकाम रहे. कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें अध्यक्ष बनाने के साथ विधान पार्षद बनाया. विधान पार्षद रहते उन्हें मंत्री पद भी दिया. उन पर काफी विश्वास किया गया. इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान के साथ विश्वासघात किया. बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के नये कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी से मिल कर विस्तृत चर्चा की. वहीं महाराष्ट्र में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में लगे कुटुंबा के विधायक राजेश कुमार ने नये कार्यकारी अध्यक्ष का समर्थन किया.

प्रभारी या कार्यकारी, प्रदेश कांग्रेस में चर्चा का विषय

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष कौकब कादरी को प्रभारी अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गयी है या वह कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हैं, कांग्रेस नेताओं के बीच यह बहस का मुद्दा बन गया है. एक धड़ा का मानना है कि अशोक चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाये जाने को स्वाभाविक प्रक्रिया है, वहीं कौकब कादरी को अस्थायी व्यवस्था के तहत नियुक्ति हुई है. औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह ने कहा कि अशोक चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाया जाना यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत हुआ है. उनका कार्यकाल पूरा हो चुका था. पार्टी इलेक्शन मोड में है. यह कांग्रेस आलाकमान का नर्णिय है और उनका नर्णिय सही है.

गोविंदपुर की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा यादव इस नर्णिय से खुश हैं. उन्होंने कहा कि उनका तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था. बदलाव होना चाहिए. कुटुंबा के विधायक राजेश कुमार इस नर्णिय से संतुष्ट हैं. बछबाड़ा के विधायक रामदेव राय ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान का नर्णिय सर्वमान्य है. आलाकमान के नर्दिेश पर चलना होगा. पूजा संपन्न होने के बाद पटना पहुंच कर नये कार्यकारी अध्यक्ष से मिलेंगे. विंध्याचल पूजा करने के लिए गये पूर्व मंत्री व विधायक अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि पार्टी का अभी चुनाव हो रहा है. अस्थायी व्यवस्था के तहत नर्णिय लिया है. कोई पद पर रहें या न रहें, लेकिन वे पार्टी के कार्यकर्ता तो रहेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल कुछ कहना उचित नहीं होगा.

वहीं भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को सभी समीकरणों को देखते हुए उचित नर्णिय लेने की जरूरत है. अभी तो जल्दबाजी में नियुक्ति हुई है, लेकिन आगे सोच-समझकर नर्णिय लेने की आवश्यकता है. विधान पार्षद तनवीर अख्तर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की कमान जम्मिेवार लोगों को मिलना चाहिए. आनन-फानन में ऐसे व्यक्ति को बनाया गया जो पिछले विधान सभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद सदाकत आश्रम आना भी उचित नहीं समझ रहे थे.

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