बिहार : 1 जुलाई के बाद GST से राज्य में जुड़े और 31 हजार नये व्यापारी

पटना : राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद से वैसे व्यापारी भी टैक्स के दायरे में आ गये हैं, जो पहले इससे बाहर थे. 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 31 हजार नये व्यापारी सूबे में शामिल हो चुके हैं. इसमें केंद्रीय जीएसटी और स्टेट जीएसटी के व्यापारियों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2017 7:59 AM
पटना : राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद से वैसे व्यापारी भी टैक्स के दायरे में आ गये हैं, जो पहले इससे बाहर थे. 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 31 हजार नये व्यापारी सूबे में शामिल हो चुके हैं.
इसमें केंद्रीय जीएसटी और स्टेट जीएसटी के व्यापारियों की संख्या शामिल है. हालांकि, जीएसटी में दोनों तरह के व्यापारियों की संख्या समाहित होती है. केंद्र या राज्य स्तर पर कहीं भी रजिस्ट्रेशन कराने से दोनों स्तर पर टैक्स की हिस्सेदारी का वितरण एक समान रूप से होता है. सिर्फ निबंधन संख्या की बात करें, तो राज्य में व्यापारियों की यह संख्या करीब 15 हजार 500 के आसपास है.
नये व्यापारियों के अलावा राज्य में वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) में पहले से निबंधित वैसे व्यापारियों की संख्या करीब दो लाख है, जिन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद अपने को जीएसटी में निबंधित करवा कर नया रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त किया है.
इन व्यापारियों ने अपने को वैट से जीएसटी में कन्वर्जन करवाया है. हालांकि, पुराने से नये टैक्स प्रणाली में कन्वर्जन के इस मामले में काफी बड़ी संख्या में वैसे व्यापारी भी हैं, जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन रद्द करवा लिया है या डुप्लीकेट या फर्जी दस्तावेज के आधार पर दो या ज्यादा बार वैट में रजिस्ट्रेशन करवा रखा था. ऐसे व्यापारियों का अभी सटीक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है.
फिलहाल अब तक की जानकारी के अनुसार, सूबे में करीब 20 हजार ऐसे व्यापारी हैं. जिन्होंने अपना वैट नंबर के आधार पर जीएसटी में नया रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिया है. इसमें बड़ी संख्या में वैसे व्यापारी भी हैं, जिन्होंने गलत दस्तावेज के आधार पर वैट में रजिस्ट्रेशन करवा रखा था. पर जीएसटी में डुप्लीकेसी संभव नहीं होने के कारण ऐसे व्यापारियों का वैट में रजिस्ट्रेशन नंबर रद्द हो गया.
वैट से जीएसटी में कन्वर्जन में यह अच्छी बात हुई है कि राज्य में करीब 31 हजार नये व्यापारी मिल गये हैं. ये वैसे व्यापारी हैं, जो गलत टैक्स का आकलन करवा कर अपने को टैक्स की जद से बचाये हुए थे. जीएसटी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कोई व्यापारी अपने टर्नओवर नहीं छिपा सकता है, ऐसे में कई नये व्यापारियों ने ऐहतियातन भी जीएसटी से अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हो.
मार्च के बाद शुरू होगा रिटर्न फाइल का सिलसिला
जीएसटी में मार्च, 2018 के बाद ही रिटर्न फाइल करने और क्लेम लेने का सिलसिला शुरू होगा. फिलहाल जीएसटी में सभी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन करने और उचित टैक्स कलेक्शन का आकलन लगाया जा रहा है. इसके बाद रिटर्न फाइलिंग और क्लेमिंग की प्रक्रिया शुरू होगी.
जीएसटी के तहत क्रेडिट क्लेम का दौर कुछ व्यापारियों के स्तर पर चल रहा है. इन व्यापारियों का अपने स्तर पर ही दावा है कि इन्होंने टैक्स ज्यादा सरकार को जमा कर दिया है. पर, इनके क्लेम की फिलहाल सरकार के स्तर पर जांच चल रही है. इसके बाद ही यह तय होगा कि इनका वास्तविक क्लेम कितना बनता है.

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