नयी दिल्ली : सीबीआइ ने राजदसुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव से आज कहा कि भ्रष्टाचार के कथित मामले में दोनों क्रमश: पांच अक्तूबर और छह अक्तूबर को जांच एजेंसी के समक्ष पेश हों. दोनों नेताओं ने जांच एजेंसी की ओर से पहले दी गयी तारीख पर उपस्थित होने में असमर्थता जतायी थी. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि लालू और तेजस्वी को पहले क्रमश: चार और पांच अक्तूबर को उपस्थित होने को कहा गया था.
आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का जिम्मा 2006 में निजी फर्म को सौंपे जाने के संबंध में सीबीआइ पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से पूछताछ करना चाहती है. इस सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दर्ज सीबीआइ की प्राथमिकी में तेजस्वी को भी आरोपी बनाया गया है.
आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की देखरेख का जिम्मा एक निजी फर्म सुजाता होटल को सौंपा और बदले में एक बेनामी कंपनी के जरिये तीन एकड़ की महंगी जमीन केरूप में दलाली ली. सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है.
इसके पूर्व सीबीआइ ने पूर्व रेलमंत्री लालू यादव को 25 सितंबर तथा उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अगले दिन 26 सितंबर को पेश होने का समन भेजा था. हालांकि, लालू के वकील सीबीआइ के सामने हाजिर हुए और उनसे पेशी के लिए दो हफ्तों का वक्त मांगा था. पूर्व में उन्हें पहले क्रमश: 11 और 12 सितंबर को पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन लालू रांची में चल रहे कोर्ट केस में हाजिरी का हवाला देते हुए सीबीआइ के सामने पेश नहीं हुए थे. वहीं तेजस्वी ने पूर्व निर्धारित राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देकर जांच एजेंसी से तारीख बढ़ाने की मांग की थी.
उल्लेखनीय है कि 5 जुलाई, 2017 को दिल्ली के सीबीआइ थाने में पूर्व सीएम दंपति लालू-राबड़ी व उनके छोटे पुत्र तेजस्वी समेत 8 नामजद व अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी थी.