खातों को हैक कर खा गया नौ हजार का पिज्जा
पटना: पटना जीपीओ स्थित फिलाटेलिक ब्यूरो में फिलाटेलिक पर आधारित एक पुस्तिका व माइ स्टांप विवरणिका का विमोचन फिलाटेलिस्ट डॉ आरएस गांधी ने किया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया से 1998 में पर्सनलाइज्ड स्टांप की शुरुआत हुई थी. फिर भारत में 2011 में माइ स्टांप की शुरुआत हुई. मुख्य डाकपाल जितेंद्र सिंह ने कहा कि माइ […]
पटना: पटना जीपीओ स्थित फिलाटेलिक ब्यूरो में फिलाटेलिक पर आधारित एक पुस्तिका व माइ स्टांप विवरणिका का विमोचन फिलाटेलिस्ट डॉ आरएस गांधी ने किया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया से 1998 में पर्सनलाइज्ड स्टांप की शुरुआत हुई थी. फिर भारत में 2011 में माइ स्टांप की शुरुआत हुई. मुख्य डाकपाल जितेंद्र सिंह ने कहा कि माइ स्टांप योजना को स्कूल तक पहुंचाया जायेगा.
उप मुख्य डाकपाल (प्रशासन) उमेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि डाक टिकट संग्रह का शौक अपने आप में ज्ञान का भंडार है. यह केवल शौक नहीं, बल्कि अच्छा निवेश भी है. इस मौके पर मुख्य फिलाटेलिस्ट प्रदीप जैन, अनिल सक्सेना, संजय जैन, आरके मिश्र, ललित मिश्र आदि उपस्थित थे.
क्या है माइ स्टांप
अपने फोटो का स्टांप कोई भी बनवा सकता है. 300 रुपये में संबंधित फोटो लगे 12 टिकट मिलते हैं. इसमें एक टिकट का मूल्य पांच रुपये होता है. इसमें कोई व्यक्ति अपना, अपने मित्र अथवा रिश्तेदारों का फोटो छपवा सकता है. इसके तहत बच्चों के जन्मदिन अथवा शादी एवं किसी तरह के समारोह को भी यादगार बनाया जा सकता है. यह टिकट सिर्फ जीवित लोगों के लिए बनाया जाता है.