बिहार : एटीएम कार्ड पॉकेट में, जालसाज चीन से निकाल रहे पैसे

नितिश पटना : एटीएम फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे है और इसे अंजाम देने वाले पुलिस की पकड़ से दूर है. एटीएम पॉकेट में रह जा रहा है और चाइना से पैसे निकाल लिये जा रहे है तो दिल्ली-मुंबई से ऑनलाइन शॉपिंग की जा रही है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके है. मौर्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 9:31 AM
नितिश
पटना : एटीएम फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे है और इसे अंजाम देने वाले पुलिस की पकड़ से दूर है. एटीएम पॉकेट में रह जा रहा है और चाइना से पैसे निकाल लिये जा रहे है तो दिल्ली-मुंबई से ऑनलाइन शॉपिंग की जा रही है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके है.
मौर्य लोक कॉम्पलेक्स के एक व्यवसायी मनोज कुमार का चाइना से 45 हजार जालसाजों ने निकाल लिया. डॉक्टर यासमीन का 80 हजार दिल्ली से निकाला गया. एक रिटायर्ड उद्योग विभाग के पदाधिकारी के एटीएम से भी डेढ़ लाख रुपये निकाल लिये गये. साइबर एक्सपर्ट की कमी के कारण साइबर क्राइम करने वाले जालसाज लगातार घटना को अंजाम देे रहे है.
एटीएम फ्रॉड होने पर क्या होती है परेशानी : एटीएम जालसाज करने वाले गिरोह पटना से लेकर पूरे देश में सक्रिय है. खास बात यह है कि जिनका पैसा जालसाज निकाल लेते है, उन्हें प्राथमिकी तक दर्ज कराने के लिए कई थानों का चक्कर लगाना पड़ता है. काफी मशक्कत और एसएसपी के निर्दश के बिना प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो पाती है. दिल्ली-मुंबई या विदेशों से पैसा निकाल लिया गया है तो प्राथमिकी दर्ज कराने में ही पसीने छूट जाते है.
प्राथमिकी के लिए पुलिस के पास नहीं है कोई स्पष्ट नीति : एटीएम जालसाजी का शिकार होने के बाद कोई भी व्यक्ति कहां प्राथमिकी दर्ज कराये, इसके लिए पुलिस के पास स्पष्ट नीति नहीं है. मसलन अगर किसी ने गर्दनीबाग के बैंक में एकाउंट है और जालसाजों ने गांधी मैदान इलाके के बैंक से निकासी की है, तो उक्त व्यक्ति कहां प्राथमिकी दर्ज करायेगा.
आमतौर पर जब पीड़ित मामला दर्ज कराने पहले गर्दनीबाग पहुंचते है तो वहां यह बताया जाता है कि पैसा गांधी मैदान इलाका से निकला है, इसलिए वहां प्राथमिकी दर्ज होगी. जब वह गांधी मैदान थाना पहुंचता है तो यह जानकारी दी जाती है कि उनका खाता जिस थाना क्षेत्र में है, वहां प्राथमिकी दर्ज होगी. अंत में चक्कर लगाने के बाद जब पीड़ित एसएसपी या सिटी एसपी के पास पहुंचते है, तब जा कर प्राथमिकी दर्ज होती है.
एटीएम कार्ड फ्रॉड और उनसे बचने के उपाय
किस तरह से होते हैं एटीएम कार्ड फ्रॉड
बैंक अधिकारी बन करते है एटीएम रिन्यूअल कराने का दावा
एटीएम के इर्द-गिर्द सक्रिय रह देते है घटना को अंजाम
मदद करने के नाम पर बदल देते है एटीएम कार्ड
एटीएम का कैंसिल बटन खराब कर पिन लगा कर रखते है जालसाज
फ्रॉड के मामले और उनका निबटारा
वर्ष एटीएम फ्रॉड निबटारा
2014 87 65
2015 140 46
2016 152 55
2017 अगस्त तक 80 —

Next Article

Exit mobile version