बाल विवाह व दहेज से ऐसे मुक्त होगा BIHAR, 5 साल में बदलेगी सूरत, ये है सरकार का एक्शन प्लान

पटना : गांधी जयंती पर राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गये बाल विवाह और दहेज मुक्त बिहार बनाने के अभियान सिर्फ शपथ दिलाने और जागरूकता फैलाने तक ही सीमित नहीं रहेगी. सरकार महिला विकास निगम द्वारा इसे कार्यरूप देने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इस प्लान के तहत बाल विवाह और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2017 7:10 AM
पटना : गांधी जयंती पर राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गये बाल विवाह और दहेज मुक्त बिहार बनाने के अभियान सिर्फ शपथ दिलाने और जागरूकता फैलाने तक ही सीमित नहीं रहेगी. सरकार महिला विकास निगम द्वारा इसे कार्यरूप देने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है.
इस प्लान के तहत बाल विवाह और दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए पांच साल का लक्ष्य भी तैयार किया गया है. इसके तहत बाल विवाह की शिकार लड़कियों की संख्या को आधा करना है, दहेज की वजह से मरने वाली महिलाओं की संख्या में दो तिहाई की कमी लाना है.
महिलाओं की उच्च शिक्षा दर को बढ़ाना है और दहेज के मुकदमे में सजा की दर में भी दस गुना वृद्धि करना है. इस अभियान के लिए सात स्तरों पर कमिटियों का निर्माण होगा. राज्य स्तरीय कमिटी के मुखिया चीफ मिनिस्टर होंगे और कमिटियां पंचायत और स्कूल स्तर तक होंगी. इसके साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों के बजट में महिलाओं पर होने वाले व्यय को बढ़ाने का लक्ष्य भी रखा है.
1.लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करेंगी सात स्तरीय कमेटियां
2.पंचायत और स्कूल तक के स्तर पर बनेंगी क्रियान्वयन कमेटियां
3.राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे
4. मीडिया व सिविल सोसाइटी के लोग भी होंगे कमेटी में
साल 2022 तक सरकार नेनिम्न लक्ष्य निर्धारित किये हैं
संकेतक 2017 2022
बाल विवाह की शिकार लड़कियां 39.1% 20%
दहेज के मुकदमों में सजा की दर 0.54% 5%
दहेज प्रतारणा की वजह मौतें 1154 384
स्नातक महिलाएं 111877 335631
तकनीकी शिक्षा प्राप्त महिलाएं 1628 4884
महिला आईटीआई की संख्या 30 38
दसवीं के बाद ड्राप आउट लड़कियां 62.3% 31.1%
लक्ष्य को हासिल करने के लिए 7 स्तरीय कमेटियां
कमिटी अध्यक्ष सदस्य
1. राज्य स्तरीय कमेटी मुख्यमंत्री विधायक, विभाग,मीडिया, नागरिक समाज
2. कैबिनेट सब कमेटी मुख्य सचिव संबंधित विभागों के सचिव (समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, एससी-एसटी, कल्याण,
श्रम, गृह, जनसंपर्क आदि)
3. अभियान निगरानी यूनिट समाज कल्याण विभाग विभाग की कार्यक्रम निगरानी, आइटी और एमआइएस यूनिट
4. जिला स्तरीय यूनिट जिला कल्याण पदाधिकारी अभियान से संबंधित टीम
5. प्रखंड स्तरीय यूनिट प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अभियान से संबंधित टीम
6. स्कूल स्तरीय यूनिट (यह सभी स्कूलों में बनायी जायेगी.)
7. पंचायत स्तरीय यूनिट (यह विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बनायी जायेगी)

Next Article

Exit mobile version