पटना: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीतने और दूसरे नंबर पर रहने वाले 50 से ज्यादा नेताओं की संपत्ति में दो से पांच गुना तक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. कुछ की संपत्ति में तो पांच गुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इनमें मुख्य रूप से उन नेताओं की ही संपत्ति की जांच की गयी है, जो बेहद संदिग्ध मिले हैं. इन संपत्ति के ब्योरे का पूरा स्कैन करके आयकर विभाग ने एक विशेष रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट को चुनाव आयोग को भेजा गया है.
हर का अलग-अलग ब्योरा भेजा
इसमें मुख्य रूप से ऐसे मौजूदा विधायकों, पूर्व विधायकों या विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे नेताओं की संपत्ति का पूरा ब्योरा है, जिनकी संपत्ति पिछले विधानसभा चुनाव (2010) की तुलना में दो, तीन, चार, पांच गुना या इससे ज्यादा बढ़ गयी है. सभी विधायकों की संपत्ति का ब्योरा अलग-अलग भेजा गया है.
इनमें ऐसे नेताओं के बारे में भी बताया गया है, जिन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में संपत्ति का ब्योरा गलत दिया या इसे छिपाया है. संपत्ति का ब्योरा देने में कई नेताओं ने जमीन-जायदाद का आकलन ही गलत या काफी कम करके दिखाया है. हकीकत में जिस जमीन की कीमत करोड़ में है, उसे महज कुछ हजार का ही बताया गया है. अपनी संपत्ति का ब्योरा इस तरह से छिपाने वाले नेताओं के भी नाम इस सूची में है. नियमानुसार, गलत हलफनामे देने के आरोप में ऐसे विधायकों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इनकी सदस्यता तक खत्म हो सकती है.
इस तरह हुई गड़बड़ियों की जांच
– सभी विधायकों के चुनावी हलफनामे में बतायी गयी संपत्ति की हुई जांच. उनकी दी जानकारी सही है या नहीं.
– जिस संपत्ति की जिसने जितना बताया है वैल्यू, उसकी बाजार मूल्य से की गयी क्रॉस-चेकिंग.
– पिछले चुनावी हलफनामे से की गयी वर्तमान हलफनामे की तुलना.
– पैन नंबर के आधार पर जमा कराये गये टैक्स रिटर्न की जांच.
– नेताओं, इनकी पत्नी, बच्चे और अन्य के बैंक खातों के ट्रांजेक्शन की जांच हुई.
ऐसी गड़बड़ियां आयी सामने
– नरकटियागंज के विधायक शमीम अहमद ने हलफनामे में लाखों के प्लॉट को महज 14, 475 रुपये का बताया है. इस तरह से कई अन्य ने वास्तविक संपत्ति को छिपाया या काफी कम करके बताया. तीन बैंक खातों का ब्योरा भी नहीं दिया.
– कुछ विधायकों ने पत्नी, बच्चों या अपने नाम पर खरीदी संपत्ति का समुचित ब्योरा हलफनामे में नहीं दिया है. कुछ ने आधी-अधूरी या गलत जानकारी दी है.
– कई ने अपने या अपने परिवार वालों के नाम पर मौजूद बैंक खातों का जिक्र ही नहीं किया है हलफनामे में.
– पिछले कुछ वर्षों या हालिया खरीदी गयी किसी तरह की संपत्ति का जिक्र तक नहीं किया है.
इनकी संपत्ति सबसे अिधक बढ़ी
- नवादा के विधायक राजवल्लभ प्रसाद
- नरकटियागंज के विधायक शमीम अहमद
- मधुबन के विधायक व मंत्री राणा रणधीर सिंह
- गोविंदपुर की विधायक पूर्णिमा यादव
- भोजपुर के अगियांव के विधायक अरुण कुमार
- लालगंज के विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला
- पातेपुर (वैशाली) की विधायक प्रेमा चौधरी
- साहेबपुरकमाल (बेगूसराय) के विधायक नारायण यादव
- लखीसराय के विधायक व मंत्री विजय कुमार सिन्हा
- छातापुर (सुपौल) के विधायक नीरज कुमार सिंह
- गोपालपुर (भागलपुर) के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज
- मसौढ़ी की विधायक रेखा देवी
- औरंगाबाद के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री रामाधार सिंह
- मोहनिया के विधायक निरंजन राम
- कुम्हरार (पटना) के विधायक अरुण कुमार सिन्हा