पटना: प्रदेश में इस साल 19 फीसदी नमी वाले धान की भी खरीदारी की जायेगी. 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान की खरीदारी की सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने गुरुवार को घोषणा की. विभाग में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि पैक्स के जरिये पिछले साल 17 फीसदी नमी वाले धान ही खरीदे जा सके थे. इससे 18.62 लाख मीटरिक टन धान की खरीदारी हुई थी.
इस साल ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. 19 फीसदी तक नमी वाले जितने भी धान पैक्सों में आयेंगे उसकी खरीदारी की जायेगी. इसके लिए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से बिहार सरकार ने बात की है और जल्दी ही इसकी अनुमति केंद्र से मिलने की उम्मीद है. धान की अधिप्राप्ति के लिए 18 सितंबर से ही पोर्टल लांच कर रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि किसानों को हर हाल में सहायता मिलेगी. पहले तो निर्धारित मूल्य पर उनकी धान की खरीदारी हो जाये, इस पर ध्यान होगा. जरूरत पड़ी तो उसमें बोनस भी दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि पिछले साल धान की खरीद में 2700 करोड़ में से 17 करोड़ रुपये की पैक्सों से वसूली नहीं की जा सकी है. 145 पैक्सों में शुरू में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें फिलहाल 30 पैक्स ही बच गये हैं, जिन्होंने राशि नहीं दी है. ऐसे में जो पैक्स हिसाब नहीं दे पायेंगे, उन्हें चुनाव के लिए डिबार कर दिया जायेगा और चुनाव नहीं लड़ने नहीं दिया जायेगा.
ऑनलाइन होगी पैक्स की सदस्यता, एप लांच
सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने गुरुवार से ऑनलाइन पैक्स की सदस्यता के लिए एप लांच किया. नूरसराय व लालगंज प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू करने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. वर्तमान में 1.16 करोड़ पैक्स के सदस्य हैं. विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 50 लाख और लोगों को पैक्स से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. सहकारिता मंत्री ने कहा कि हर परिवार से कम से कम एक महिला को पैक्स का सदस्य बनाया जायेगा.
महिलाओं की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा हो इससे इसमें पारदर्शिता आयेगी. वहीं, सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि 18 साल से ऊपर के युवक या महिला पैक्स के सदस्य बन सकेंगे. 8465 पैक्सों में सदस्य बनाने के लिए हर प्रखंड मुख्यालय में एक्सक्यूटिव असिस्टेंट और कंप्यूटर ऑपरेटर को रखा जा रहा है, जो पैक्स की सदस्यता के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरवायेंगे. वहीं समय समय पर प्रखंड प्रसार सहकारिता पदाधिकारी इसकी मॉनीटरिंग भी करते रहेंगे. बैंक एकाउंट व मोबाइल नंबर सदस्य बनने के लिए हर हाल में देना होगा.