अब गंगा में डॉल्फिन का हर साल सर्वेक्षण : मोदी

पटना: उपमुख्यमंत्री सह पर्यावरण एवं वन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने डॉल्फिन के संरक्षण को लेकर कई घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा है कि अब हर साल गंगा नदी में डॉल्फिन का सर्वेक्षण किया जायेगा. इसकी शुरुआत अगले साल होगी. इसे बचाने वाले सम्मानित होंगे. अब हर साल डॉल्फिन सप्ताह का आयोजन होगा. वहीं, सप्ताह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2017 9:58 AM
पटना: उपमुख्यमंत्री सह पर्यावरण एवं वन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने डॉल्फिन के संरक्षण को लेकर कई घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा है कि अब हर साल गंगा नदी में डॉल्फिन का सर्वेक्षण किया जायेगा. इसकी शुरुआत अगले साल होगी. इसे बचाने वाले सम्मानित होंगे. अब हर साल डॉल्फिन सप्ताह का आयोजन होगा. वहीं, सप्ताह में एक बार इसे दिखाने की व्यवस्था की जायेगी. लोगों को भागलपुर के पास बने डॉल्फिन अभ्यारण्य में घूमने के लिए 24 सीटों वाले मोटर बोट की शुरुआत छठ पर्व से पहले कर दी जायेगी. साथ ही पटना में इससे संबंधित रिसर्च सेंटर बनाने का काम जल्द ही शुरू होगा. वे गुरुवार को डॉल्फिन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डॉल्फिन मैन के नाम से मशहूर नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो आरके सिन्हा के प्रयासों से डॉल्फिन को राष्ट्रीय पशु का दर्जा मिला. उन्होंने इसका महत्व बताने के लिए इस पर आधारित फिल्म बनाने के लिए पर्यावरण एवं वन विभाग से कहा.
उन्होंने कहा कि डॉल्फिन को बचाने वाले लोग अब सम्मानित किये जायेंगे. उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी. उपमुख्यमंत्री ने इसकी व्यवस्था के लिए पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह को निर्देश दिया. प्रस्ताव मछुआ समाज के प्रतिनिधि रामाश्रय चौधरी निषाद ने कार्यक्रम में रखा था.
हर साल डॉल्फिन सप्ताह का होगा आयोजन
एक प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डॉल्फिन गंगा नदी की स्वच्छता का परिचायक है. अब हर साल डॉल्फिन दिवस का आयोजन पटना के अलावा प्रदेश के अलग-अलग शहरों में भी होगा. हर सप्ताह लोगों को डॉल्फिन दिखाने की व्यवस्था करने के लिए उन्होंने विभाग को निर्देश दिया. नालंदा ओपेन विवि के वीसी प्रो आरके सिन्हा ने कहा कि डॉल्फिन गंगा के स्वास्थ्य का दर्पण है. यह दो-तीन साल में एक ही बच्चा देती है. इसलिए इसकी आबादी तेजी से नहीं बढ़ सकती. इसे बचाने की जरूरत है.

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