पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि जीएसटी व्यवस्था में छोटे व्यापारियों को राहत पहुंचाया जाये. सुशील ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत छोटे करदाताओं को कतिपय परेशानियों का सामना करना पड रहा है. इसलिए इन्हें राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जीएसटी परिषद की आगामी 6 अक्तूबर को नयी दिल्ली में आहूत बैठक में सदस्यों से कुछ उपायों पर विचार करने की उन्होंने अपील की है. उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत छोटे-बडे सभी व्यापारियों को प्रति माह विवरणी दाखिल करनी पडती है. अत: जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 1.5 करोड़ रुपये तक है, उन्हें मासिक के बजाय त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने की सुविधा दी जाये.
रिवर्स चेन्ज मेकेनिज्म की व्यवस्था को फिलहाल स्थगित रखा जाये तथा कम्पाउंडिंग स्कीम के तहत 75 लाख रुपये की सीमा को बढाकर 1 करोड़ रुपये किया जाये. सुशील ने कहा कि पहले अधिकांश राज्यों में वैट व्यवस्था के अंतर्गत त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने का प्रावधान था, पर वर्तमान व्यवस्था में छोटे एवं बडे सभी करदाताओं को प्रतिमाह विवरणी दाखिल करनी पड़ती है, जिससे छोटे व्यापारियों को काफी कठिनाई हो रही है. इस संबंध में सुझाव देते हुए सुशील ने कहा कि 1.5 करोड़ रुपये तक टर्न ओवर वाले करदाताओं को त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने की अनुमति प्रदान की जाये. उन्होंने कहा कि वर्तमान में रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म की व्यवस्था के तहत निबंधित करदाताओं को अनुबंधित आपूर्तिकर्ता से माल खरीदने पर कर भुगतान करना पड़ता है. जिसके कारण छोटे व्यापारियों को काफी कठिनाई होती है इसलिए फिलहाल रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को स्थगित रखी जाये.
सुशील ने कहा कि कम्पाउंडिंग स्कीम के अन्तर्गत जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 75 लाख रुपये तक का है उन्हें कुल बिक्री पर 1 प्रतिशत कर देना पड़ता है. छोटे व्यापारियों के लिये यह सीमा कम है इसलिए इस सीमा को बढाकर 1 करोड़ रुपये तक की जाये ताकि उन्हें राहत मिल सके. बिहार में पेट्रोलियम पदार्थों के वैट दरों में कमी हो सकती है. उप मुख्यमंत्री ने इसके संकेत दिये. हालांकि कमी कितनी होगी, इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. पर्यावरण एवं वन विभाग के कार्यक्रम से लौटने के दौरान उप मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि उन्हें समाचार माध्यमों से केंद्र सरकार के प्रस्ताव की जानकारी मिली है. उसमें केंद्र द्वारा राज्यों को पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करने को कहा गया है. राज्य सरकार इस पर सकारात्मक विचार करेगी. पत्रकारों ने जब पूछा कि कितनी कमी हो सकती है, तो उन्होंने कहा कि यह कहना अभी संभव नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत क्या पत्र आयेगा, उसे देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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