बिहार शराबबंदी : सरकार के कामकाज पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा-अपनी सीमा नहीं लांघे

राज्य सरकार न तो भारत के अन्य राज्यों की इंचार्ज है और न ही वह दिल्ली हो सकती है पटना : हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के कामकाज को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी सीमा नहीं लांघे. न तो वह भारत के अन्य राज्यों की इंचार्ज है और न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2017 9:11 AM
राज्य सरकार न तो भारत के अन्य राज्यों की इंचार्ज है और न ही वह दिल्ली हो सकती है
पटना : हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के कामकाज को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी सीमा नहीं लांघे. न तो वह भारत के अन्य राज्यों की इंचार्ज है और न ही वह दिल्ली हो सकती है.
इसलिए बिहार में शराबबंदी के कानून को अन्य राज्यों पर लागू करने की कोशिश नहीं करे. पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि इंडस्ट्रियल अल्कोहल के निर्माण के लिए कोई अलग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं है. अदालत के पूर्व आदेश पर ही वह ईएनटी का उत्पादन करे. साथ ही निर्माता कंपनी इस बात का भी ख्याल रखे कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून का उल्लंघन न करे.
जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने मेसर्स एमजे एंड संस डिस्टलरी एंड ब्रेवरीज प्राईवेट लिमिटेड की ओर से दायर अवमानना वाद पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्देश दिया कि बिहार सरकार को सिर्फ इस राज्य में कानून को लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए. सुनवाई के दौरान उत्पाद विभाग के आयुक्त आदित्य कुमार दास भी अदालत में उपस्थित थे.

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