बिहार : संगठन की मजबूती के रास्ते लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा की बैठक के मायने, पढ़ें

पटना : कहते हैं कि सियासत में बस कुछ यूं ही नहीं होता. बैठक, रणनीति और राजनीति के रास्ते सत्ता को मापने का खेल हमेशा चलते रहता है. देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी हो, उसकी बैठकों के मायने हमेशा स्पष्ट होते हैं. उसके मूल में छिपा होता है, सत्ता में पार्टी की बनी रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2017 12:59 PM

पटना : कहते हैं कि सियासत में बस कुछ यूं ही नहीं होता. बैठक, रणनीति और राजनीति के रास्ते सत्ता को मापने का खेल हमेशा चलते रहता है. देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी हो, उसकी बैठकों के मायने हमेशा स्पष्ट होते हैं. उसके मूल में छिपा होता है, सत्ता में पार्टी की बनी रहे मजबूती. बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद एनडीए की सरकार के गठन ने बिहार के नेताओं का मनोबल ऊंचा कर दिया है. बिहार में सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश के नेता जोर-शोर से केंद्रीय योजनाओं को 2019 की तैयारी के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता भी बिहार में विकास पुरूष नीतीश कुमार को ही मान रहे हैं, लेकिन साथ में यह कहना नहीं भूलते हैं कि अब बिहार में विकास की बयार बहेगी, क्योंकि नीतीश कुमार अब एनडीए के साथ हैं. केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार अब अंदरूनी चुनौतियों से नहीं जूझ रहे हैं. अब उनके सामने सिर्फ बिहार के विकास का लक्ष्य है.

भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपना बूथ स्तर का संगठन मजबूत करने का फैसला किया है जिसे चुनाव जीतने के लिहाज से महत्वपूर्ण संगठनात्मक संरचना समझा जाता है. भाजपा की प्रदेश इकाई के महासचिव राजेंद्र सिंह ने कहा, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी की राज्य कार्यकारी समिति ने अपने संगठन को मजबूत करने का फैसला किया है. पार्टी हर बूथ पर त्रिशक्ति के नाम से जाने जाने वाले तीन समर्पित कार्यकर्ताओं को नियुक्त करेगी. उन्होंने बताया कि त्रिशक्ति में बूथ स्तर के अध्यक्ष, बूथ प्रभारी तथा बूथ स्तर के एजेंट शामिल होंगे. राज्य में 62,000 से अधिक बूथ हैं और पार्टी ने 40,000 त्रिशक्ति गठित की है. उन्होंने यहां भाजपा की राज्य स्तर की कार्यकारी समिति की दो दिन की बैठक के पहले दिन के समापन के बाद संवाददाताओं से कहा कि पार्टी केंद्र सरकार के विकास संदेश के साथ मतदाता तक पहुंचने के लिए त्रि शक्ति सम्मेलन का आयोजन करेगी.

बैठक में प्रधानमंत्री की साढ़े तीन वर्ष की कल्याणकारी नीतियों को गांव-गांव तक प्रसारित करने, प्रदेश के बदले राजनीतिक परिद्रश्य में कार्यकर्ताओं की बढ़ी जिम्मेदारी पर विचार किया गया. 16 अक्टूबर को केरल की घटना पर विरोध मार्च, 31 अक्टूबर को बिहार के सभी जिलों में सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम, 14 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के बिहार दौरे में मोकामा जाकर ब्रिज का शिलान्यास जैसे कार्यक्रम तय किए गए हैं. पार्टी अभी भी मानती हैं इस मामले में राजद के पास ग्रामीण इलाक़ों तक में पार्टी का संगठन है इसलिए पार्टी अभी से लोक सभा और विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुट गयी. बीजेपी कार्यसमिति के उद्घाटनकर्ता के रूप में पहुंचे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में मंत्रालय की ओर से बिहार में चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी और नये प्लांट लगाने की भी घोषणा की. मंत्रालय बिहार में 1 लाख 25 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम शुरू किया है जिसमें 23 लाख करोड़ से बरौनी हल्दिया पाइप लाइन का काम किया जा रहा है.

बिहार में सियासत जातिगत समीकरण पर आधारित होती है. यहां तक की टिकटों का बंटवारा भी उस क्षेत्र के जातिगत जनसंख्या के आधार पर की जाती है. पार्टियों को इसमें सफलता भी मिलती है. वैसे में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी बिहार में इस बार पहले से ग्रामीण इलाकों और बूथ लेबल को टारगेट करने का प्लान बना रही है, उससे यही लगता है कि सफलता को सौ फीसदी सुनिश्चित करने की तैयारी का आगाज है, बिहार में कार्यसमिति का बैठक होना. इस बैठक में सभी नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया और बिहार के साथ केंद्री की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया.

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