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बिहार : सावधान ! आयकर विभाग के रडार पर है ज्यादा लेनदेन वाले खाते

पटना : भ्रष्टाचारियों और टैक्स चोरी कर कालाधन जमा करने वालों पर नकेल कसने के लिए आयकर विभाग नये स्तर पर मुहिम शुरू करने जा रहा है. इसके तहत वैसे सभी बैंक एकाउंट या खातों की मॉनीटरिंग की जायेगी, जिनमें बड़े स्तर पर ट्रांजैक्शन हुए हैं. इनमें उन बैंक खातों को खासतौर से फोकस किया […]

पटना : भ्रष्टाचारियों और टैक्स चोरी कर कालाधन जमा करने वालों पर नकेल कसने के लिए आयकर विभाग नये स्तर पर मुहिम शुरू करने जा रहा है. इसके तहत वैसे सभी बैंक एकाउंट या खातों की मॉनीटरिंग की जायेगी, जिनमें बड़े स्तर पर ट्रांजैक्शन हुए हैं.
इनमें उन बैंक खातों को खासतौर से फोकस किया जा रहा है, जिनमें बिना किसी व्यावसायिक गतिविधि के ही करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ या हो रहा है. इसमें बचत बैंक खातों पर खासतौर से नजर रहेगी. सिर्फ उन्हीं खातों को चुना जायेगा, जिनमें बहुत ज्यादा या अप्रत्याशित तौर या कम समय में करोड़ों के लेन-देन हुए हैं. पिछले छह महीने के दौरान ऐसे बैंक खातों का पहले पूरा डिटेल निकाला जायेगा, जिनमें बड़े लेन-देन हुए हैं.
इसके बाद इन सभी खातों के खाता धारकों का पूरा डिटेल निकाला जायेगा. इसके आधार पर यह देखा जायेगा कि संबंधित खाताधारक इतने रुपये के ट्रांजैक्शन के बराबर हैसियत रखते हैं या नहीं. इनका कोई व्यवसायी है या इस तरह का ऐसा कोई काम करते हैं, जिससे इतना बड़ा ट्रांजैक्शन होना संभव है. इन तमाम बातों को आधार बनाकर इस तरह के बैंक खातों की सशक्त मॉनीटरिंग की जायेगी.
इन खातों में कब-कब और कितने अंतराल पर बड़े लेन-देन हुए हैं, इसके आधार पर भी ऐसे संदिग्ध खातों पर कार्रवाई की जायेगी. आयकर विभाग ने सभी बैंकों से ऐसे एकाउंट का पूरा विवरण देने के लिए कहा है. ट्रांजैक्शन के बराबर हैसियत नहीं रखने वालों की सशक्त मॉनीटरिंग के पीछे पेनल्टी लेकर टैक्स वसूलने की कवायद माना जा रहा है.
संदिग्ध खातों की जुटायेंगे जानकारी
आयकर विभाग ऐसे संदिग्ध खातों से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगा. इसमें यह देखा जायेगा कि इन खातों में कहां-कहां से पैसे आये और फिर ये किन-किन के पास गये.
पैसे के लेन-देन का पूरा चेन कैसे-कैसे रूट होता है, इसकी पूरी जानकारी एकत्र की जायेगी. ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस तरह के खातों का उपयोग करके ब्लैक मनी को रूट करके व्हाइट में बदलने की तो कहीं कोशिश नहीं की गयी है. अगर कई खातों में पैसे का ट्रांसफर हुआ है, तो यह देखना बेहद अहम होगा कि पैसा अंतिम रूप से किसके पास पहुंचा है.
पहले आ चुके हैं कुछ बड़े मामले
नोटबंदी के दौरान गया का मोती पटवा और मुजफ्फरपुर का राजकुमार गोयनका का मामला सामने आया था. इन लोगों ने अपने निजी खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन छह महीने में किया था. जांच में पता चला कि मोती ने करीब 200 करोड़ और गोयनका ने करीब 150 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया है. इसकी जांच इडी के स्तर पर भी की जा रही है.

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