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बिहार : दीवाली में महज 10 दिन बाकी, पर अब तक नहीं खुलीं पटाखा दुकानें…जाने क्‍यों

नहीं होगा आतिशबाजी का शोर, प्रशासन ने कसी नकेल अमिताभ श्रीवास्तव पटना सिटी : आतिशबाजी की शोर रोशनी पर्व दीपावली में नहीं होगी, दरअसल प्रशासन ने कारोबारियों पर नकेल कस रखा है, जिस कारण से थोक व खुदरा दुकानें पटना में बंद है. अब जबकि दीपावली में महज दस दिन का समय रह गया है, […]

नहीं होगा आतिशबाजी का शोर, प्रशासन ने कसी नकेल
अमिताभ श्रीवास्तव
पटना सिटी : आतिशबाजी की शोर रोशनी पर्व दीपावली में नहीं होगी, दरअसल प्रशासन ने कारोबारियों पर नकेल कस रखा है, जिस कारण से थोक व खुदरा दुकानें पटना में बंद है. अब जबकि दीपावली में महज दस दिन का समय रह गया है, ऐसे में पटाखा विहिन दीपावली इस दफा मन सकती है. हालांकि फुटकर दुकानदारों ने अस्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन अनुमंडल कार्यालय में दिया है, लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है. यह दूसरा वर्ष होगा, जब प्रशासन की ओर से पटाखा कारोबारियों पर नकेल कसा गया है.
वर्ष 2016 में चार अक्तूबर को छापेमारी के दरम्यान सील की गयी एक दर्जन से अधिक पटाखा की दुकानों के सील भी नहीं खुले है. हालांकि महज एक दुकान का सील न्यायालय के आदेश के आलोक में प्रशासन की ओर से खोला गया है. स्थिति यह है कि प्रशासन की सख्ती को देख कारोबारियों को भी यह लगने लगा है कि इस वर्ष आतिशबाजी का कारोबार नहीं हो पायेगा.
अस्थायी लाइसेंस के लिए करना होगा आवेदन
अनुमंडल के खाजेकलां थाना क्षेत्र में आधा दर्जन थोक व लगभग 50 से भी अधिक खुदरा दुकानदार है, जो पटाखा का कारोबार करते है, एक अनुमान के मुताबिक पटाखा का लगभग पंद्रह करोड़ रुपये का कारोबार होता है, बीते वर्ष से कारोबार पर ग्रहण लग गया है.
बीते वर्ष फुटकर दुकानदारों को महज तीन दिन कारोबार करने की अनुमति मिली थी, वो भी सख्ती के बीच जब प्रशासन की ओर से बगैर अनुमति के ही जबरन दुकान खोला था. स्थिति यह है कि मौसमी कारोबार में दीपावली के दौरान कारोबार करने वाले कारोबारियों ने कर्ज लेकर थोक दुकानदारों से पटाखों का सौदा कर लिया था, दुर्गा पूजा के बाद पटाखा उठाना था, इससे पहले ही प्रशासन की चाबुक चलने ऐसे लोगों की पूंजी भी फंस गयी है.
चोरी-छिपे बिक रहे
बाजार में यह भी चर्चा है कि खाजेकलां के आसपास इलाकों में कुछ छोटे दुकानदार चोरी छिपे पटाखा बेच रहे हैं, लेकिन छानबीन में यह बात स्पष्ट नहीं हो पायी. हालांकि सूत्रों के अनुसार सड़क पर पटाखा की सूची लेकर खरीदारों से सौदा कर लिया जाता है, फिर पटाखा पैक कर उपलब्ध कराया जाता है. ऐसे में पटाखा बेचने का काम चोरी-छुपे चल रहा है.
बिना लाइसेंस के पटाखा दुकान होगी जब्त करना होगा नॉर्म्स का पालन
पटना : दीवाली पर तेज आवाज वाले पटाखों पर रोक के लिए नियम तो है, परंतु प्रशासन की लापरवाही के कारण इनकी बिक्री पर रोक नहीं लग पाती है. इस बार प्रशासन का पटाखों को लेकर विशेष ध्यान है. पटाखा दुकान लगाने के लिए अब दुकानदार को अस्थायी लाइसेंस लेने के साथ ही कई नियमों का पालन करना होगा. बिना लाइसेंस लिए और नियमों की अवहेलना पर दुकानदार पर कार्रवाई की जा सकती है.
ऐसे मिलेगा लाइसेंस : दीपावली के ठीक पहले शहर में पटाखों की दुकानें दिखने लगती हैं. जिले में पटाखों का कारोबार पांच करोड़ से अधिक का होता है. यह व्यवसाय महज दो से तीन दिनों में होता है. इस बार दुकान के लिए अनुमंडल कार्यालय से लाइसेंस लेना पड़ेगा. शहर व अनुमंडल क्षेत्र के प्रखंडों से अनुमंडल में पटाखा विक्रेताओं को लाइसेंस लेने के लिए आवेदन जमा करने होंगे.

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