बिहार : बाइक हुई चोरी, एसपी सौंपेंगे कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट, एक साल में मिलेंगे इंश्योरेंस के पैसे

नितिश पटना : अगर आपकी बाइक चोरी हो गयी तो फिर इंश्योरेंस की राशि निकालने में एक साल लग जायेंगे. क्योंकि, बाइक चोरी के मामले में अब अनुसंधान की प्रक्रिया लंबी हो गयी है. पहले जहां चार से पांच माह में इंश्योरेंस की राशि बाइक मालिक निकाल लेते थे, अब इस अनुसंधान के चक्कर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2017 8:50 AM
नितिश
पटना : अगर आपकी बाइक चोरी हो गयी तो फिर इंश्योरेंस की राशि निकालने में एक साल लग जायेंगे. क्योंकि, बाइक चोरी के मामले में अब अनुसंधान की प्रक्रिया लंबी हो गयी है. पहले जहां चार से पांच माह में इंश्योरेंस की राशि बाइक मालिक निकाल लेते थे, अब इस अनुसंधान के चक्कर में उन्हें पैसे निकालने में एक साल लग जायेंगे.
पहले इंस्पेक्टर स्तर पर ही तीन माह बाद फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी जाती थी, लेकिन अब यह फाइनल रिपोर्ट सिटी एसपी के स्तर पर जायेगी. मसलन अगर बाइक चोरी हुई तो इंस्पेक्टर, डीएसपी के लेवल पर अनुसंधान के बाद सिटी एसपी तक रिपोर्ट जायेगी और वहां से फाइनल रिपोर्ट न्यायालय को भेजी जायेगी. ऐसे में अनुसंधान की इस पूरी प्रक्रिया में एक साल तक लग सकता है. जब तक एसपी के लेवल पर फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में नहीं जायेगी, तब तक इंश्योरेंस की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी.
कार्यालय-कॉम्प्लेक्स में घुसे और हो गयी बाइक चोरी : वर्ष 2016 में शहर के प्रमुख थानों में शुमार गांधी मैदान, पीरबहोर, कदमकुआं, कोतवाली, बुद्धा कॉलोनी, पाटलिपुत्र, दीघा, राजीव नगर, सचिवालय, गर्दनीबाग, शास्त्री नगर, श्रीकृष्णापुरी व हवाई अड्डा में 715 वाहनों की चोरी हुई. ये वैसे थाने हैं, जहां मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स या सरकारी दफ्तर सबसे अधिक हैं. लोग बाइक लगा कार्यालय या मार्केट में जाते हैं और बाहर निकलने पर बाइक गायब मिलती है.
संगीन अपराध की सूची में बाइक चोरी
बाइक चोरी की घटनाओं से पटना पुलिस परेशान है. हालांकि, बाइक चोरी रोकने के लिए कई प्रकार के प्रयोग किये गये, लेकिन बाइक चोर हमेशा पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इन मामलों में पुलिस सही तरीके से अनुसंधान के लिए अब एसआर (स्पेशल रिपोर्ट) केस दर्ज कर रही है.
हालांकि, पहले बाइक चोरी नॉन एसआर केस के रूप में दर्ज होती थी. एसआर केस संगीन आपराधिक मामले मसलन हत्या, लूट, डकैती आदि मामलों में दर्ज किये जाते हैं, जबकि नॉन एसआर केस हाथापाई-मारपीट, धमकी आदि मामलों में दर्ज किये जाते हैं.
एसआर केस की फाइल डीएसपी व सिटी एसपी जैसे वरीय पुलिस पदाधिकारियों की नजर से गुजरती है और तब कोई निर्णय लेकर उसकी रिपोर्ट न्यायालय में भेजी जाती है. बाइक चोरी के मामलों को भी एसआर केस में दर्ज करने की सबसे मुख्य वजह यह है कि उक्त केस पुलिस अधिकारियों की नजर से गुजरे, ताकि अनुसंधान में अगर कहीं कमी हो तो उसे सही किया जा सके और बाइक बरामदगी व बाइक चोर की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके.
वाहन चोरी के आंकड़े (2016)
कोतवाली 122
गांधी मैदान 114
पीरबहोर 85
कदमकुआं 85
पाटलिपुत्र 84
शास्त्रीनगर 51
श्रीकृष्ष्णापुरी 46

Next Article

Exit mobile version