नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव रेलवे होटल आवंटन भ्रष्टाचार मामले में धन शोधन जांच को लेकर आज प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में पहुंचे. ऐसी संभावना है कि इस मामले के जांच अधिकारी उनका बयान दर्ज करेंगे.
एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला कुछ समय पहले दर्ज किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले संप्रग सरकार में मंत्री रहे पीसी गुप्ता की पत्नी सहित कुछ लोगों से पूछताछ की थी. तेजस्वी की मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष कल पेश होने के लिए तलब किया गया है.
एजेंसी ने खुद की आपराधिक शिकायत के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी एक प्राथमिकी को संज्ञान में लिया है. जुलाई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक आपराधिक प्राथमिकी दर्ज करके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और कई अन्य के खिलाफ कई स्थानों पर तलाशी भी ली थी. अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय आरोपी द्वारा कथित मुखौटा कंपनियों के जरियेकिये गये अपराधों की जांच करेगी.
प्रवर्तन मामला, सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में दर्ज आरोपों के लिए राबडी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य पर जांच चलेगा. सूचना रिपोर्ट में दर्ज मामला पुलिस प्राथमिकी के बराबर होता है. यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई प्राथमिकी में विजय कोच्चर, विनय कोच्चर (सुजाता होटल के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (मौजूदा समय में लारा प्रोजेक्ट) और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक पीके गोयल का नाम है.
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का काम एक कंपनी को पटना में प्रमुख जगह पर स्थित जमीन रिश्वत के रुप में प्राप्त करके सौंपा था. यह रिश्वत बेनामी कंपनी के जरिए ली गयी थी, जिसकी मालिक सरला गुप्ता है. प्राथमिकी पांच जुलाई को दर्ज की गयी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि पटना में एक कीमती जमीन के बदले में, पुरी और रांची में स्थित दो होटल के रखरखाव का अनुबंध सुजाता होटल्स को दिया गया.
पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को दागी संपत्तियों की कुर्की और उन्हें जब्त करने का अधिकार है. ऐसी संभावना है कि एजेंसी यह कदम मामले के आगे बढ़ने पर बाद में उठायेगी.
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