पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव से रेलवे होटल आवंटन भ्रष्टाचार मामले में धन शोधन जांच को लेकर आज प्रवर्तन निदेशालय ने करीब नौ घंटे तक पूछताछ की. आइए जानते हैं, इससे जुड़ी वह दस बड़ी बातें, जिसका जानना सबके लिए जरूरी है.
-अधिकारियों ने बताया कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री दोपहर को करीब 12 बजे यहां केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में पहुंचे और रात नौ बजे बाहर निकले. उन्होंने बताया कि तेजस्वी से कम से कम 40 सवाल पूछे गए और जांच अधिकारी ने उनके बयान रिकॉर्ड किये.
-एजेंसी तेजस्वी की मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का बयान आज दर्ज कर सकती है.
-सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में तेजस्वी और लालू प्रसाद के बयान दर्ज किये थे. एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला कुछ समय पहले दर्ज किया था.
-प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले संप्रग सरकार में मंत्री रहे पीसी गुप्ता की पत्नी सहित कुछ लोगों से पूछताछ की थी. एजेंसी ने खुद की आपराधिक शिकायत के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी एक प्राथमिकी को संज्ञान में लिया है.
-जुलाई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक आपराधिक प्राथमिकी दर्ज करके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और कई अन्य के खिलाफ कई स्थानों पर तलाशी भी ली थी. अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय आरोपी द्वारा कथित मुखौटा कंपनियों के जरिये किये गये अपराधों की जांच करेगी.
-प्रवर्तन मामला, सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में दर्ज आरोपों के लिए राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य पर जांच चलेगी। सूचना रिपोर्ट में दर्ज मामला पुलिस प्राथमिकी के समान होता है. यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे.
-सीबीआई की प्राथमिकी में विजय कोचर, विनय कोचर (सुजाता होटल के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (मौजूदा समय में लारा प्रोजेक्ट) और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक पीके गोयल का नाम है.
-इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का काम एक कंपनी को पटना में प्रमुख जगह पर स्थित जमीन रिश्वत के रुप में प्राप्त करके सौंपा था. यह रिश्वत बेनामी कंपनी के जरिये ली गयी थी, जिसकी मालिक सरला गुप्ता है.
-प्राथमिकी पांच जुलाई को दर्ज की गयी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि पटना में एक कीमती जमीन के बदले में, पुरी और रांची में स्थित दो होटल के रखरखाव का अनुबंध सुजाता होटल्स को दिया गया.
-पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय को दागी संपत्तियों की कुर्की और उन्हें जब्त करने का अधिकार है. ऐसी संभावना है कि एजेंसी यह कदम मामले के आगे बढ़ने पर बाद में उठायेगी.
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