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बिहार : बापू आपके द्वार की शुरुआत के बाद जब सीएम नीतीश ने बच्चों को सुनायी अंग्रेजों की कहानी

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या की गयी, लेकिन उनके विचारों की हत्या नहीं की जा सकती है. उनके विचारों से अगर 10-15 फीसदी युवा भी प्रभावित हुए और उसे आत्मसात किया, तो बिहार ही नहीं, देश भी बदल जायेगा. मुख्यमंत्री बुधवार को सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या की गयी, लेकिन उनके विचारों की हत्या नहीं की जा सकती है. उनके विचारों से अगर 10-15 फीसदी युवा भी प्रभावित हुए और उसे आत्मसात किया, तो बिहार ही नहीं, देश भी बदल जायेगा.
मुख्यमंत्री बुधवार को सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में आयोजित चंपारण शताब्दी समारोह में गांधी कथा वाचन और बापू आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत करने के बाद बोल रहे थे. उन्होंने ‘च से चंपारण’ और ‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’ कहानी का पाठ किया और बापू के विचारों व संदेशों को जन जन तक पहुंचाने की अपील की. समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ पंगत में बैठक कर भोजन भी किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समारोह में शिक्षक की भूमिका में नजर आये. राज्य भर से आये करीब 820 बच्चों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग महात्मा गांधी को भगवान मानते हैं. भगवान मानेंगे, तो उनकी पूजा करेंगे, लेकिन उन्हें इंसान ही रहने दिया जाये.
इस दौरान उन्होंने ‘च से चंपारण’ और ‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’ कहानी पढ़ने के साथ-साथ उनका अर्थ भी वहां मौजूद बच्चों को समझाया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन से संदेश को जानें और उसे अात्मसात करें. जीवन में सत्य और अहिंसा को अपनाएं और बुलंदी के साथ आगे बढ़ें. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में जहां गांधी कथा वाचन होगा, वहीं साक्षरता कर्मी जन-जन तक महात्मा गांधी के विचारों व संदेशों को बापू आपके द्वार के जरिये पहुंचायेंगे. साक्षरता कर्मी गांव-गांव जायेंगे और एक फोल्डर घर में देंगे. इस फोल्डर में गांधी के विचार दिये गये हैं, उसे घर वालों के सामने पढ़ेंगे. यह सरकार की प्रतिबद्धता है.
गांधी जुबान से कम, काम से अधिक बोलते थे
इसके पहले उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जो किया है, उससे सबक लें और जो कहा है, उसे अपनाएं. वे जुबान से कम और काम से ज्यादा बोलते थे.
आजादी की अंतिम लड़ाई महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़ी गयी. उन्होंने अहिंसा का पाठ पढ़ाया और सत्याग्रह के जरिये अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया. वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते थे और बचपन से ही सत्य के साथ थे. गांधी जी ने कहा था कि उनका जीवन ही उनका संदेश है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी कहते थे कि सात सामाजिक बुराइयां हैं, जिन्हें किसी को नहीं अपनाना चाहिए. सिद्धांत रहित राजनीति, परिश्रम रहित धनोपार्जन, विवेक रहित सुख, चरित्रशून्य ज्ञान, सदाचार रहित व्यापार, संवेदना रहित विज्ञान और वैराग्य विहीन उपासना से सभी को बचाना चाहिए. जिस परिवर्तन को लोग दुनिया में देखना चाहते हैं, उसे अपने से शुरू करना चाहिए.
उन्होंने सही ही कहा था कि जब तक यह पृथ्वी रहेगी, सभी की बुनियादी इच्छाओं और जरूरतों को पूरा करेगी. लेकिन, किसी के लालच को वह पूरा नहीं कर सकती है. इसलिए लोग बिना परिश्रम किये धनोपार्जन की जगह लोगों को मेहनत और जरूरत के हिसाब से ही धनोपार्जन करना चाहिए.
बच्चों को सुनायी अंग्रेजों के आगमन की कहानी
नीतीश कुमार ने कहा कि पर्यावरण के प्रति सचेत रहें, नहीं तो आने वाली पीढ़ी का जीवन दुश्वार होने वाला है. मुख्यमंत्री ने समारोह में मौजूद स्कूली बच्चों को बताया कि कैसे अंग्रेज 1750 में व्यापार करने भारत आये और ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर यहां शासन चलाने लगे. 1857 के विद्रोह के बाद उन्होंने हिंदुस्तान पर कब्जा कर लिया. इसके बाद 1917 में चंपारण सत्याग्रह के लिए गांधीजी आये और कैसे लोग उनके साथ जुड़ते गये.
अंग्रेजों को झुकना पड़ा. चंपारण में निलहो के अत्याचार को भी मुख्यमंत्री से विस्तार से बताया. स्वच्छता और शिक्षा को लेकर महात्मा गांधी द्वारा किये कामों की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1947 में जब देश जब बंट रहा था, तो सांप्रदायिक उन्माद आया. गांधी जी ने अनशन किया और सबकुछ झेला, लेकिन उनकी हत्या कर दी गयी.

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