पटना : बिहार में आटोमैटिक स्कूटरों की मांग 41 फीसदी की दर से बढ़ रही है जो मोटरसाइकल की तुलना में दोगुनी है और होंडा बिहार में स्कूटरीकरण में सबसे आगे है. होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) यदविंदर सिंह गुलेरिया नेबुधवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले छह सालों में भारत में जहां स्कूटर की बिक्री में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है वहीं बिहार में आटोमैटिक स्कूटरों की मांग 41 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है जो मोटरसाइकल की तुलना में दोगुनी है.
यदविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा कि बिहार में अब स्कूटर का हर दूसरा उपभोक्ता होंडा का स्कूटर खरीद रहा है. गुलेरिया ने कहा कि रिकॉर्ड बिक्री के चलते होंडा ने बिहार में सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी हासिल की है. होंडा ने अप्रैल-जून 2017-18 के दौरान 38,023 इकाइयां बेचकर बिहार में अबतक की अधिकतम बिक्री का रिकार्ड बनाया है. पिछले 6 साल में होंडा के दोपहिया वाहनों की मांग 4.5 गुना बढ़ गयी है.
उन्होंने कहा कि बिहार होंडा के लिए भारत का सबसे तेजी से विकसित होता राज्य है. छह साल में होंडा की दोपहिया 33 प्रतिशत बढ़ी है जो बिहार में दोपहिया वाहन उद्योग के 18 फीसदी विकास से लगभग दोगुनी है. गुलेरिया ने कहा कि बिहार में स्कूटरों की बढ़ती मांग राज्य के विकास की सूचक है जहां लोग अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए आने-जाने के लिए स्कूटर को प्राथमिक विकल्प के रूप में चुन रहे हैं. सबसे खास बात तो यह है भारत में मोटरसाइकलों के दूसरे सबसे बड़े बाजार बिहार में अब लोग स्कूटर को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
गुलेरिया ने बिहार में स्कूटरीकरण पर चर्चा करते हुए कहा बिहार में होंडा की प्रगति का श्रेय ब्रांड के आक्रामक विस्तार और उपभोक्ताओं के बढ़ते भरोसे को दिया जा सकता है.