पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जदयू के राजग गठबंधन में लौटने के बाद आज पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा किया. मोदी यहां नीतीश के साथ पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, यह बड़े सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हो रहे हैं. इससे पहले, बिहार के राज्यपाल सत्य पाल मलिक और मुख्यमंत्री समेत अन्य ने पटना हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी की. वहां से मोदी सीधे पटना विज्ञान महाविद्यालय पहुंचे.
इस दौरे में मोदी करीब 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं शुरू करेंगे. इस वर्ष जुलाई में भाजपा के बिहार में सत्तारुढ़ गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद से प्रधानमंत्री का राज्य में यह पहला व्यापक दौरा है. गौरतलब है कि नीतीश के नेतृत्व वाले जदयू ने लालू प्रसाद यादव की राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ लिया था और भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था.
अगस्त में मोदी और नीतीश ने बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई दौरा किया था. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा और जदयू एक दूसरे के खिलाफ उतरी थीं तब चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का वादा किया था.
दोनों दल बिहार में 17 वर्षों तक साझेदार रहे, लेकिन वर्ष 2013 में मोदी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद दोनों दलों के संबंध तल्ख हो गये थे और जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. समारोह में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, मैं यहां मंत्री की हैसियत से नहीं आया हूं बल्कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के गौरवान्वित पूर्व छात्र के रूप में आया हूं. मुझे गर्व है कि देश के प्रधानमंत्री उस विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में शामिल हुए हैं जहां से मैंने पढ़ाई की है. समारोह में मौजूद अन्य केंद्रीय मंत्रियों में राम विलास पासवान, अश्विनी चौबे और उपेंद्र कुशवाह शामिल हुए.
पटना विश्वविद्यालय में समारोह के बाद प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से पटना जिले से करीब 100 किमी दूर मोकामापहुंचे, वहां पीएम मोदी ने कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. राज्य भाजपा अध्यक्ष ने संकेत दिया है कि प्रधानमंत्री का दौरा बिहार की जनता के लिए दिवाली का उपहार है, खासकर मोकामा के लिए. मोकामा में मोदी चार राष्ट्रीय राजमार्गों की 3,031 करोड़रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया कि चार जलमल शोधन संयंत्रों और संबंधित कामों का 738.04 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य भी शुरू होगा.