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जानें प्रधानमंत्री द्वारा दी गयी चुनौतियों के लिए कितना तैयार है पटना विश्वविद्यालय

पटना विश्वविद्यालय : टॉप टेन तो दूर अभी लिस्ट में भी कहीं नहीं है पीयू पहले देश के दौ सौ यूनिवर्सिटी में आने की होगी प्राथमिकता नैक मान्यता के लिए भी तेज करना होगा प्रयास अमित कुमार पटना : पटना विश्वविद्यालय का शताब्दी वर्ष चल रहा है. शताब्दी वर्ष का मुख्य समारोह समाप्त हो गया […]

पटना विश्वविद्यालय : टॉप टेन तो दूर अभी लिस्ट में भी कहीं नहीं है पीयू
पहले देश के दौ सौ यूनिवर्सिटी में आने की होगी प्राथमिकता
नैक मान्यता के लिए भी तेज करना होगा प्रयास
अमित कुमार
पटना : पटना विश्वविद्यालय का शताब्दी वर्ष चल रहा है. शताब्दी वर्ष का मुख्य समारोह समाप्त हो गया है और इसके समाप्त होते ही कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये चैलेंज पर चर्चा शुरू हो गयी. समारोह समाप्त होने से लेकर अब तक पीयू से जुड़ा हर शख्स इसी बात की चर्चा कर रहा है कि आखिर पीयू टॉप टेने में कैसे आयेगा और कब दस हजार करोड़ का हकदार होगा और फिर इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की कैटेगरी में आयेगा.
रैंकिंग की लिस्ट में कहीं नहीं है पीयू
अगर रैंक की बात करें तो पीयू टॉप टेन तो दूर अभी कहीं लिस्ट में भी नहीं है. पहले तो नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में अपना फॉर्म भी भरकर पीयू को अपनी रैंकिंग पता करनी होगी. इसके बाद देश के टॉप 200 यूनिवर्सिटी में अपनी जगह बनानी होगी. इसके बाद टॉप 100 और तब टॉप 10 का सपना देखना होगा. इसलिए दिल्ली अभी काफी दूर है. लेकिन फिलहाल पीयू भी इस कार्यक्रम को सफलता पूर्वक करा लेने के बाद उत्साहित है और यह कह रहा है कि वह रैंकिंग में आने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे.
पीयू का हर शख्स भी यही कह रहा है कि चुनौती हमें स्वीकार है. लेकिन साथ ही उनके मन में यह असमंजस का भाव भी है कि इतनी बड़ी चुनौती के लिए उनके पास संसाधन की घोर कमी है. हालांकि कुलपति समेत विवि के तमाम अधिकारी का कहना है कि संसाधन अभी भले ही कितने भी कम हों लेकिन ऐसा नहीं है कि हर समय यही हाल होगा. सरकार इसमें मदद करेगी, विवि को सिर्फ योजना बनाने की जरूरत है.
वर्ल्ड क्लास में आने के लिए पीयू व सरकार के समक्ष ये हैं चुनौतियां
शिक्षकों और कर्मचारियों के खाली पोस्ट पर बहाली और नये पोस्ट सैंक्शन करना
छात्रों को स्कॉलरशिप दिलवाना
हॉस्टलों को अवैध कब्जे से मुक्त कराना और उस पर पूरा कंट्रोल रखना
हॉस्टलों की स्थिति को ठीक करना, जरूरी सुविधाएं मुहैय्या करना
पुस्तकालयों और प्रयोगशालाओं को ठीक कराना
लाइब्रेरियन और लैब टेकनिशियन की बहाली करना
जर्जर भवनों व हॉस्टलों को दुरुस्त कराना और नये भवनों का निर्माण करना
बड़े परीक्षा भवन, सभागार आदि का निर्माण
लॉ एंड आर्डर को ठीक करना
एकेडमिक व परीक्षा कैलेंडर को ठीक प्रकार से लागू करना
एडमिशन प्रक्रिया को समय पर पूरा करना
खाली सीटों को भरना
विवि में खेलकूद की स्थिति को ठीक कराना
खेल के मैदानों को दूरुस्त करना
विवि व कॉलेजों में अनुशासन को बनाये रखना
कैंपस में अनावश्यक प्रवेश को रोकना
कैंपस में शैक्षणिक माहौल को कायम करना
शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और छात्रों को कॉलेज में समय पर आने और जाने के लिए बाध्य करना
विवि कैंपस को पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त कराना
तदर्थ शिक्षकों की बहाली करना और उनका मानदेय बढ़ाना
छात्र संघ चुनाव कराना विवि में शिकायत कोषांग की स्थापना करना पीयू को कंप्यूटराइज्ड कर फाइलों से छुटकारा दिलाना
कंप्यूटर सेंटर व वेबसाइट को दुरुस्त करना एडमिशन से लेकर हर कार्य ऑनलाइन, पीयू को पूरी तरह से कैशलेस व पेपरलेस करना विवि व कॉलेज के कार्यालयों में काम की गति में तेजी लाना छात्र, शिक्षक व कर्मचारियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना
शिक्षकों और कर्मचारियों के क्वार्टर को दुरुस्त कराना और उन्हें विवि में रहने के लिए बाध्य करना
रिसर्च को बढ़ावा देना और शिक्षकों को भी रिसर्च कार्य के लिए बाध्य करना वोकेशनल कोर्स की स्थिति को सुधारना व अलग विभाग बनाना वोकेशनल कोर्स में भी सरकारी स्तर पर शिक्षकों की बहाली करना और फीस को कम करना हमारे समक्ष चुनौतियां हैं और हम चुनौतियों से इंकार नहीं करते हैं. लेकिन इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी हम कमर कसे हुए हैं. पीएम ने जो चैलेंज दिया है उसे पीयू हर हाल में पूरा करेगा और इस शताब्दी वर्ष समारोह से ही हम इसका आगाज कर चुके हैं. विवि में कई सारे काम शुरू कर दिये गये हैं और आगे भी हम इसे वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए काम करेंगे.
प्रो रास बिहारी सिंह, कुलपति, पीयू
जब तक विवि को संसाधन नहीं मिलेगा, शिक्षक नहीं मिलेंगे तब तक वर्ल्ड क्लास का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता. पटना विवि शिक्षकों-कर्मचारियों के सारे पोस्ट पर बहाली कर लेती है तो विवि इस चुनौती को आने वाले कुछ वर्षों में प्राप्त कर लेंगे.
प्रो रणधीर कुमार सिंह, पीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष
शिक्षकों व कर्मचारियों के ज्यादातर पोस्ट हैं खाली
पटना विश्वविद्यालय में ज्यादातर शिक्षकों के पोस्ट खाली हैं. पीयू में 815 में सिर्फ 274 ही शिक्षक हैं बाकी के 485 सीटें खाली हैं. यह संख्या नयी बहाली से आये 48 शिक्षकों को जोड़कर है अन्यथा इससे भी खराब स्थिति थी. वहीं बहाली की प्रक्रिया चार वर्षों से चल रही है. नये सीट सैंक्शन नहीं हुए हैं जबकि जिस समय ये पद सैंक्शन हुए थे उस समय पीयू में 11000 छात्र पढ़ते थे और आज 22000 यानी जितने सीट सैंक्शन हैं उनसे दोगुने शिक्षकों की और आवश्यकता है.
ये जो पोस्ट हैं वह 27 ट्रेडिशनल कोर्स के हैं. यहां 42 वोकेशनल कोर्स चलते हैं जिनमें 300 रुपये में शिक्षक क्लास लेते हैं. ट्रेडिशनल कोर्स में तो 250 रुपये ही मिलते हैं. शिक्षकों की आज तक बहाली ही नहीं हुई ना ही सीट ही सैंक्शन हुए हैं. कर्मचारियों का भी यही हाल है यहां तीन हजार पोस्ट में सिर्फ 600 कर्मचारी बचे हैं. आउटसोर्सिंग से काम चल रहा है.
ठंडे बस्ते में प्लान
पटना विश्वविद्यालय जो सुंदर भवनों से सुसज्जित है और यह सब अंग्रेजों के जमाने के ही बने हैं. उसके बाद नये भवन काफी कम ही बने हैं. जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.
हॉस्टल भी उतने ही हैं उनकी स्थिति भई खराब ही है. शिक्षकों के क्वार्टर की दुर्दशा ऐसी है कि उनमें कोई शिक्षक रहना नहीं चाहते. वहीं पीयू का मास्टर प्लान फंड के अभाव में ऐसे ही पड़ा है. पुराना भी नहीं पूरा हुआ जिसमें साउथ कैंपस को विकसित कर शैक्षणिक हब बनाना था और कई विभागों व कॉलेजों को शिफ्ट करना था.
वाणिज्य कॉलेज के पास अपना भवन तक नहीं है. नये प्लान को हाइटेक तरीके से बनाना था जिसमें बड़े सभागार, परीक्षा भवन, क्लास रूम, लाइब्रेरी, खेल ऑडिटोरियम समेत तमाम तरह की सुविधाएं देने का प्लान था लेकिन उसके लिए सरकार से पहले फेज के लिए मांगे गये 50 करोड़ रुपये ही अब तक नहीं मिले. इसे सीनेट में भी रखा गया था.

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