उच्च शिक्षा में राज्यों के पास सीमित अधिकार, हम ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं : नीतीश कुमार

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि शिक्षा की समस्या किसी राज्य विशेष की समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे देश की समस्या है.उन्होंने कहा कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा. इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलने के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 1:02 PM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि शिक्षा की समस्या किसी राज्य विशेष की समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे देश की समस्या है.उन्होंने कहा कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा. इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलने के साथ ही पूरे सिस्टम को ठीक करना होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी जल्द दूर कर लिया जायेगा.

लोक संवाद कार्यालय के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बातें कहीं. नीतीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती, उसके अपने दायरे हैं.उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में राज्यों के पास सीमित अधिकार हैं. उन्होंने कहा, इसे बदलने की जरूरत है और केंद्र सरकार को इस विषय में राज्य सरकार की क्षमता निर्धारित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षकों का बड़े पैमाने पर बहाली करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है, जल्द ही शिक्षकों की बहाली की जायेगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों का झुकाव भी शिक्षक बनने की तरफ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रहती है कि शिक्षकों को पहली तारीख को तनख्वाहमिल सकें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में सरकार सीधी बहाली नहीं करती.विश्वविद्यालयोंके शिक्षा में राज्य सरकार का रोल सीमितहै.उन्होंने कहा कि शिक्षा का संचालन राज्यसरकारको मिलेतो बेहतर होगा. नीतीश कुमार ने कहा किउच्च शिक्षा को बेहतर करने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों केलिएराज्य सरकारकीओरसे करीब चार हजार करोड़ ग्रांट दिया जाता है.

पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने की मांग पर उन्होंने कहा कि यह पुरानी मांग है. संसद में भी हम इसे उठाते रहे हैं. इस बारे में अब केंद्र सरकार को फैसला लेना है. केंद्र सरकार चाहे तो पीयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे या नहीं दें,यह उनके हाथ में है.

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