PATNA PMCH : 1.20 करोड़ रुपये में आयीं थीं 10 वेंटिलेटर मशीनें, 5 का इस्तेमाल, बाकी पर जम रही धूल

पीएमसीएच में वेंटिलेटर की कमी एम्स में रखे-रखे हो रहा खराब लापरवाही : प्रबंधन में खामी से मरीजों को परेशानी 1.20 करोड़ रुपये में आयीं थीं 10 वेंटिलेटर मशीनें, पांच का इस्तेमाल, बाकी पर जम चुकी है धूल इमरजेंसी वार्ड के अभाव में नहीं खुलीं पांच सील पैक वेंटिलेटर मशीनें पटना : पीएमसीएच में मरीजों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2017 12:20 PM
पीएमसीएच में वेंटिलेटर की कमी एम्स में रखे-रखे हो रहा खराब
लापरवाही : प्रबंधन में खामी से मरीजों को परेशानी
1.20 करोड़ रुपये में आयीं थीं 10 वेंटिलेटर मशीनें, पांच का इस्तेमाल, बाकी पर जम चुकी है धूल
इमरजेंसी वार्ड के अभाव में नहीं खुलीं पांच सील पैक वेंटिलेटर मशीनें
पटना : पीएमसीएच में मरीजों को वेंटिलेटर के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. यहां तक कि वेंटिलेटर के अभाव में कई बार मरीजों की मौत की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. लेकिन इसके उलट पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नये वेंटिलेटर मशीनें धूल फांक रहीं हैं. इतना ही नहीं सूत्रों की मानें, तो ट्रायल नहीं होने के चलते तीन वेंटिलेटरों में खराबी भी आ गयी है.
गंभीर मरीजों को काफी परेशानी होती है
एम्स में इमरजेंसी वार्ड शुरू करने के लिए 10 वेंटिलेटर मंगाये गये थे. लेकिन अभी तक इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं हो पायी है. हालांकि पांच वेंटिलेटर मशीनों से काम लिया जा रहा है. लेकिन पांच वेंटिलेटर मशीनें अभी भी धूल खा रही हैं.
अस्पताल सूत्रों की मानें, तो इमरजेंसी वार्ड के साथ ही टेक्नीशियन नहीं होने के चलते यह समस्या खड़ी हो गयी है. ऐसे में गंभीर स्थिति में आनेवाले मरीजों को अगर इसकी जरूरत पड़े, तो फिर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. कई बार मरीज को आईजीआईएमएस, पीएमसीएच या फिर अन्य सरकारी अस्पतालों मेंरेफर कर दिया जाता है. वहीं एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ उमेश भदानी ने बताया कि इमरजेंसी सेवा बहाल करने की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है. जैसे ही वार्ड शुरू हो जायेगा वेंटिलेटर सहित सभी उपकरणों का उपयोग शुरू हो जायेगा.
उपकरण के शुरू होने से क्या होता फायदा
गंभीर से गंभीर मरीज को भी यहां से रेफर नहीं करना पड़ता
हार्ट अटैक की स्थिति में गंभीर मरीज को भी यहां इलाज मिल जाता
वेंटिलेटर इमरजेंसी वार्ड आईसीयू और ओटी में भर्ती मरीजों के लिए उपयोग में लाया जाता है
दुर्घटना में घायलों को तुरंत इलाज मिल सकता है व उनकी जिंदगी बचायी जा सकती है

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