बिहार : नहीं मिली एंबुलेंस तो बेटी के शव को कंधे पर ले गया…जानें पूरा मामला
शर्मनाक : एम्स में गरीब परिवार आया था बच्ची के इलाज के लिए कजरा से मासूम बच्ची के इलाज के लिए आया था बच्ची की हो गयी मौत एंबुलेंस ले जाने के लिए पिता के पास पैसे नहीं थे फुलवारीशरीफ : पटना एम्स में अपनी बेटी की इलाज के लिए आये दंपति को मिली निराशा. […]
शर्मनाक : एम्स में गरीब परिवार आया था बच्ची के इलाज के लिए
कजरा से मासूम बच्ची के इलाज के लिए आया था
बच्ची की हो गयी मौत
एंबुलेंस ले जाने के लिए पिता के पास पैसे नहीं थे
फुलवारीशरीफ : पटना एम्स में अपनी बेटी की इलाज के लिए आये दंपति को मिली निराशा. न ही पर्चा काटा न ही किसी डॉक्टर ने लिया हाल-चाल. बिना इलाज के छोटी बच्ची की मौत हो गयी.
गरीबी की वजह से एंबुलेंस की भी नहीं कर सका और पैदल ही ले गया शव. मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना पटना एम्स की है.
जिस अस्पताल में गरीब मरीजों के इलाज के लिए सरकार करोड़ों- करोड़ की राशि खर्च कर रही है, वहीं भीड़- भाड़ के चलते काफी दूर जमुई के कजरा से मासूम बेटी के इलाज के लिए बड़ी ही उम्मीदों के साथ पटना एम्स आये गरीब परिवार को निराश हाथ लगी. इस गरीब परिवार पर ओपीडी में पर्चा कटवाने के समय न तो किसी गार्ड ने मदद की और न ही किसी कर्मी ने.
जमुई जिला के कजरा निवासी मजदूर रामबालक पत्नी संजू के साथ अपनी बेटी रोशन को दिखाने के लिए पटना एम्स पहुंचा. रामबालक बेटी के इलाज के लिए पुर्जा कटाने के लिए लाइन में खड़े थे तभी काउंटर पर रहे कर्मियों ने यह कह कर पुर्जा नहीं काटा कि समय खत्म हो गया है.
रामबालक की बेटी रोशन को बुखार और पेट दर्द की शिकायत थी. इस दौरान बच्ची की मौत हो गयी. गरीबी की वजह से एंबुलेंस की भी नहीं कर सका और न ही कोई मदद मिली. गरीब रामबालक अपनी बेटी के शव को कंधे पर लेकर पैदल ही एम्स परिसर से चला गया.
एम्स में ऐसी कोई बात नहीं हुई :निदेशक
एम्स निदेशक डाॅ प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि जमुई से इलाज के लिए बच्ची आयी थी, मगर उसका पुर्जा नहीं कटा था न ही किसी डाॅक्टर ने देखा था. उन्होंने कहा मैं स्वयं ओपीडी में तैनात सभी डाॅक्टरों समेत गार्ड से गहन पूछताछ की. कोई भी ऐसी बात नहीं कही. एम्स परिसर में चार एंबुलेंस हैं .