बिहार : मिट्टी घोटाले की जांच अब करेगा निगरानी ब्यूरो, राज्य सरकार ने लिया निर्णय

पटना : तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव के कार्यकाल में हुए मिट्टी घोटाले की जांच अब निगरानी ब्यूरो करेगा. मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने निगरानी ब्यूरो को सभी संबंधित फाइलें सौंपने का निर्णय लिया है. छुट्टी होने की वजह से इससे संबंधित अधिसूचना अभी जारी नहीं हो सकी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2017 7:24 AM
पटना : तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव के कार्यकाल में हुए मिट्टी घोटाले की जांच अब निगरानी ब्यूरो करेगा. मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने निगरानी ब्यूरो को सभी संबंधित फाइलें सौंपने का निर्णय लिया है. छुट्टी होने की वजह से इससे संबंधित अधिसूचना अभी जारी नहीं हो सकी है. संभावना है कि सोमवार या मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी हो जायेगी.
मुख्य सचिव ने की थी जांच : महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान यह घोटाला उजागर हुआ था. उस समय इस मामले की जांच मुख्य सचिव के स्तर पर करायी गयी थी, जिसमें तत्कालीन विभागीय मंत्री को क्लीन चिट दे दिया गया था. इसके बाद से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. अब मौजूदा सरकार में इस मामले को फिर से उजागर करते हुए निगरानी ब्यूरो से इसकी जांच कराने का निर्णय लिया गया है. इसके बाद से यह समझा जा रहा है कि लालू परिवार की एक और मुश्किल बढ़ने जा रही है.
क्या है मामला
तत्कालीन मंत्री तेज प्रताप यादव व उनके परिवार के बन रहे मॉल से मिट्टी का खनन किया गया था, जिसकी सप्लाई पटना चिड़ियाघर में की गयी थी. इसमें करीब 90 लाख रुपये खर्च हुए थे. ये रुपये ट्रैक्टर व डंपर के भाड़े के रूप में खर्च हुए थे और एक निजी कंपनी के जरिये इसे सप्लाई किया गया था. आरोप है कि मिट्टी ढुलाई के नाम पर लाखों रुपये निकाल लिये गये.

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